Congress on PM Modi: लाल किले से RSS का जिक्र, PM मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण पर कांग्रेस का तीखा हमला

Chandan Das
Modi & Jairam ramesh

Congress on PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 2025 पर लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का उल्लेख करते हुए इसे “दुनिया का सबसे बड़ा NGO” करार दिया और इसके 100 वर्षों की राष्ट्रसेवा को श्रद्धांजलि दी। हालांकि इस बयान के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के इस बयान को “स्वतंत्रता दिवस के राजनीतिकरण” की संज्ञा दी है और इसे संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना के खिलाफ बताया है।

इमरान मसूद का आरएसएस पर हमला

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,”आरएसएस ने 52 साल तक तिरंगा नहीं फहराया, उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया और स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं दिया।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संघ ने ब्रिटिश सेना में भर्ती होकर आज़ाद हिंद फौज से लड़ने की अपील की थी और उन्हें संविधान और तिरंगे में विश्वास नहीं था। मसूद ने सवाल किया कि क्या यह संगठन वास्तव में आज़ादी की भावना का प्रतिनिधित्व करता है?

जयराम रमेश: “पीएम थके हुए हैं और अब सेवानिवृत्ति की ओर”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री के भाषण को “थका हुआ और हताशा से भरा” बताया। उन्होंने कहा,”प्रधानमंत्री अब आरएसएस की दया पर हैं और मोहन भागवत के आशीर्वाद से ही अपने कार्यकाल के विस्तार की उम्मीद कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 4 जून 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद से प्रधानमंत्री की राजनीतिक पकड़ कमजोर हुई है और अब वे स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व का निजी और राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।रमेश ने कहा:”लाल किले से आरएसएस का नाम लेना एक धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य की भावना का घोर उल्लंघन है।”

भाजपा का बचाव और कांग्रेस पर पलटवार संभव

भाजपा की ओर से इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी नहीं आई है, लेकिन पार्टी के नेताओं के बयान सामने आ सकते हैं, जिसमें प्रधानमंत्री के भाषण को “राष्ट्रसेवा की सच्ची सराहना” बताया जाएगा। भाजपा यह भी कह सकती है कि कांग्रेस इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय मंच से आरएसएस की तारीफ करना एक राजनीतिक बयान बन गया है, जिस पर देश की दो सबसे बड़ी पार्टियों के बीच तीखा टकराव देखने को मिल रहा है। जहां एक ओर मोदी ने 100 वर्षों की राष्ट्रसेवा का स्मरण किया, वहीं कांग्रेस इसे धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ एक खतरा बता रही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गहराता दिख सकता है, खासकर तब जब भाजपा और आरएसएस अपना 100वां स्थापना वर्ष मना रहे हैं।

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