G20 Summit: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि वह 22 और 23 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। ट्रंप के इस निर्णय के बाद भारत की सियासत में भी हलचल मच गई है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अप्रत्यक्ष तंज कसते हुए कहा कि “स्वघोषित विश्वगुरु इस बार ज़रूर जाएंगे।”
कांग्रेस का व्यंग्य- ‘कभी न कभी, कहीं न कहीं…’
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर लिखा “चूंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि वे 22-23 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे, हमें पूरा विश्वास है कि स्वघोषित विश्वगुरु इस बार वहां शारीरिक रूप से ज़रूर पहुंचेंगे।”उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में आगे लिखा, “कभी न कभी, कहीं न कहीं…” यानी मोदी को ट्रंप से आमने-सामने मुलाकात से अब बचना मुश्किल होगा।
Now that President Trump has announced that he will not be attending the G20 Summit in South Africa a few days hence on Nov 22-23, we can be certain that the self-styled Vishwaguru will himself attend in person.
कभी न कभी
कहीं न कहीं…..— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 8, 2025
पिछली बैठक में मोदी की ‘वर्चुअल उपस्थिति’
गौरतलब है कि अक्टूबर में कुआलालंपुर में आयोजित ASEAN बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअल रूप से हिस्सा लिया था। उस समय प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश में दिवाली उत्सव के चलते वे व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हो पाएंगे। हालांकि, राजनीतिक हलकों में यह अटकलें भी चलीं कि वे ट्रंप से आमने-सामने मुलाकात से बचना चाहते थे।इसके विपरीत, ट्रंप उस सम्मेलन में मौजूद रहे और उन्होंने थाईलैंड और कंबोडिया के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर कार्यक्रम में भाग लिया। ट्रंप ने वहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और आर्मी चीफ असीम मुनीर को प्रशस्ति पत्र भी दिए और उन्हें “गुड पीपल” कहा।
ट्रंप के न जाने की वजह क्या है?
डोनाल्ड ट्रंप ने बयान जारी कर कहा कि वे दक्षिण अफ्रीका में श्वेत किसानों के साथ हो रहे कथित मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए G20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे। उन्होंने कहा, “जब तक मानवाधिकारों का सम्मान नहीं होगा, अमेरिका ऐसी बैठकों में औपचारिक रूप से हिस्सा नहीं ले सकता।”हालांकि, वाशिंगटन में कई विशेषज्ञ इसे ट्रंप की चुनावी रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं। वे अमेरिकी दक्षिणपंथी वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रहे हैं, जो दक्षिण अफ्रीका के मुद्दे पर संवेदनशील है।
मोदी की संभावित भागीदारी तय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 में सत्ता में आने के बाद से हर G20 सम्मेलन में शामिल रहे हैं चाहे वह ब्रिस्बेन, हैम्बर्ग, रोम, बाली या नई दिल्ली हो। सूत्रों के मुताबिक, इस बार भी वे दक्षिण अफ्रीका के सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं। इसी को लेकर कांग्रेस ने राजनीतिक चुटकी ली है।
सियासी व्यंग्य में छिपा संदेश
कांग्रेस के इस बयान ने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी है। पार्टी समर्थक जहां इसे “राजनीतिक व्यंग्य में सच” बता रहे हैं, वहीं भाजपा प्रवक्ता इसे “छिछला हमला” कह रहे हैं। लेकिन इतना तय है कि ट्रंप के न जाने और मोदी के संभावित दौरे को लेकर सियासत गरमाने लगी है।
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