Telangana Politics: तेलंगाना के खम्मम जिले के मनुगुरु इलाके में रविवार को राजनीतिक हिंसा का मामला सामने आया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने BRS (भारत राष्ट्र समिति) के स्थानीय कार्यालय पर धावा बोलकर फर्नीचर जलाया और अपने झंडे फहराए। इस हमले के दौरान कार्यालय में तोड़फोड़ हुई और दोनों पक्षों में मारपीट की खबरें आईं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए दृश्य
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में कांग्रेस कार्यकर्ता BRS कार्यालय में प्रवेश करते हुए नारेबाजी करते दिखाई दिए। वीडियो में लोग कांग्रेस का झंडा थामे हुए कार्यालय में घुसते और गृहित फर्नीचर को तोड़ते नजर आए। झड़प के दौरान कुछ लोगों के घायल होने की खबरें हैं, हालांकि पुलिस ने अभी तक किसी के घायल होने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की।
पुलिस और फायर ब्रिगेड ने किया नियंत्रण
सूचना मिलने के बाद पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाया। सुरक्षा बलों की बड़ी तादाद भी तैनात की गई। प्रशासन ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है और दोनों पक्षों को शांत रहने के लिए कहा गया है।कांग्रेस कार्यकर्ताओं का दावा है कि BRS शासन के दौरान उनका कार्यालय जबरन कब्जा लिया गया था। उनका कहना है कि तब के स्थानीय विधायक ने पुलिस की मदद से कांग्रेस के दफ्तर पर कब्जा कर इसे BRS के गुलाबी रंग में रंगवा दिया। कांग्रेस का कहना है कि वह अपना कार्यालय फिर से लौटाने के लिए प्रदर्शन कर रही है। कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए, “हमें हमारा ऑफिस वापस दो।”
BRS की प्रतिक्रिया
BRS ने कांग्रेस पर हमला कर जनता और कानून व्यवस्था को चुनौती देने का आरोप लगाया। BRS के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव (केटीआर) ने इसे कांग्रेस सरकार के तहत कानून व्यवस्था की विफलता और “गुंडाराज” का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा, “बीआरएस के 60 लाख कार्यकर्ता मनुगुरु के साथ खड़े हैं। कांग्रेस के गुंडों से डरने की जरूरत नहीं है। उनका अहंकार ज्यादा दिन नहीं चलेगा।”BRS ने इसे राजनीतिक दबाव और दमन की कोशिश करार दिया और कहा कि जनता ऐसे हिंसक प्रयासों का जवाब देगी। पार्टी ने यह भी चेतावनी दी कि कानून का पालन किया जाएगा और किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
राजनीतिक माहौल
मनुगुरु में हुई इस घटना ने तेलंगाना में राजनीतिक माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया है। राज्य में कांग्रेस और BRS के बीच लंबे समय से जमीन और कार्यालयों को लेकर विवाद चल रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह की हिंसा राजनीतिक प्रतिस्पर्धा और स्थानीय संघर्षों को बढ़ावा देती है और कानून व्यवस्था की गंभीर चुनौती पेश करती है।
खम्मम जिले के मनुगुरु इलाके में हुए इस हमले ने कांग्रेस और BRS के बीच की खाई को और गहरा कर दिया है। जबकि कांग्रेस इसे अधिकार वापस पाने का आंदोलन बता रही है, BRS ने इसे “गुंडाराज” और कानून व्यवस्था की विफलता करार दिया है। अब प्रशासन और सुरक्षा बलों पर नजरें हैं कि वह स्थिति को स्थिर बनाए रखें और किसी भी तरह के बड़े राजनीतिक संघर्ष को रोकें।
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