Tamil Nadu SIR: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को चुनाव आयोग की विशेष गहन सुधार (SIR) प्रक्रिया पर तीखा हमला किया। उन्होंने इसे त्रुटिपूर्ण, भ्रामक और खतरनाक बताते हुए कहा कि यह दरअसल मतदाताओं के नाम सूची से लोगों को हटाने की साजिश हो सकती है। मुख्यमंत्री ने 11 नवंबर को राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाने की घोषणा की और कहा कि DMK इस मुद्दे पर कानूनी और खुले तौर पर लड़ाई लड़ेगी।
SIR प्रक्रिया का विरोध
सर्वदलीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी SIR प्रक्रिया का विरोध जल्दीबाजी, अस्पष्ट और त्रुटिपूर्ण कार्यान्वयन के कारण कर रही है, न कि पूरी प्रक्रिया के खिलाफ। स्टालिन ने कहा, “एक सही और प्रामाणिक मतदाता सूची ही निष्पक्ष चुनाव का आधार है।” उनका दावा है कि SIR फॉर्म इतना जटिल है कि पढ़े-लिखे नागरिक भी इसे भरते समय गलतियाँ कर सकते हैं।मुख्यमंत्री ने यह भी सवाल उठाया कि कार्यक्षेत्र के अधिकारी और कार्यकर्ता मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन की निर्धारित तिथि से पहले फॉर्म कैसे वितरित करेंगे। उनका कहना है कि प्रक्रिया में जल्दबाजी और अस्पष्ट दिशा-निर्देशों के कारण मतदाता भ्रमित हो सकते हैं।
भाजपा और चुनाव आयोग पर आरोप
स्टालिन ने आरोप लगाया कि भाजपा और चुनाव आयोग के बीच मिलीभगत के कारण यह प्रक्रिया लागू की जा रही है। उन्होंने याद दिलाया कि केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी SIR प्रक्रिया का विरोध किया है।मुख्यमंत्री ने नागरिकों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है। उनका दावा है कि यह मदद केवल DMK सदस्यों के लिए नहीं, बल्कि सभी मतदाताओं के लिए उपलब्ध है। स्टालिन ने चेतावनी दी, “आपके वोट चोरी होने की संभावना आपके दरवाजे तक पहुँच गई है। आइए हम एकजुट हों और सतर्क रहें।”
सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर
SIR प्रक्रिया के दौरान स्टालिन की पार्टी ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। उनका कहना है कि यह कदम मतदाता अधिकारों की रक्षा और लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए जरूरी है। मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें और राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन में भाग लेकर लोकतंत्र को मजबूत करें।राज्यभर में 11 नवंबर को आयोजित विरोध कार्यक्रम के दौरान मतदाता जागरूकता और SIR प्रक्रिया की खामियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। DMK का कहना है कि उनका लक्ष्य केवल विरोध करना नहीं है, बल्कि सभी मतदाताओं के अधिकार सुरक्षित करना और उन्हें जागरूक करना है।
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