Covid-19: देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, फिलहाल देश में कुल सक्रिय मामलों की संख्या 1252 हो चुकी है। केरल में सबसे अधिक 430 मामले दर्ज किए गए हैं। महाराष्ट्र में 325 सक्रिय मरीज हैं, जिनमें से 316 सिर्फ मुंबई में हैं, जिससे यह राज्य एक्टिव केस के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।
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यूपी के मरीज की चंडीगढ़ में मौत
उत्तर प्रदेश के रहने वाले एक व्यक्ति की चंडीगढ़ में इलाज के दौरान मौत हो गई। वह व्यक्ति लुधियाना, पंजाब में कार्यरत था और सांस लेने में दिक्कत के बाद उसे चंडीगढ़ रेफर किया गया, जहां उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। पूरे देश में अब तक कोविड से 13 मौतें हो चुकी हैं, जिनमें महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और मध्यप्रदेश में कुल 11 लोगों की मौत शामिल है।
पीएम मोदी के दौरे से पहले स्वास्थ्य विभाग सतर्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 और 30 मई को उत्तर प्रदेश और बिहार के दौरे पर हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। पीएम की सुरक्षा के मद्देनज़र उनके 100 मीटर दायरे में रहने वाले सभी लोगों की कोविड जांच अनिवार्य की गई है।
राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक में हालिया मौतों से चिंता बढ़ी
26 मई को जयपुर में दो कोरोना मरीजों की मौत हुई। इनमें से एक की मौत रेलवे स्टेशन पर हुई थी, जबकि दूसरा मरीज पहले से टीबी से ग्रसित था और प्राइवेट अस्पताल में भर्ती था। महाराष्ट्र के ठाणे में एक महिला और एक 21 वर्षीय युवक की भी मौत इलाज के दौरान हुई। बेंगलुरु में 17 मई को 84 साल के बुजुर्ग की मल्टी ऑर्गन फेल्योर से मौत हुई, जिसकी 24 मई को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
केरल में दो मौतें, चार नए वैरिएंट्स की पहचान
केरल में भी दो लोगों की कोविड से मौत दर्ज की गई है। ICMR के निदेशक डॉ. राजीव बहल ने बताया कि देश में कोरोना के चार नए वैरिएंट सामने आए हैं: LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1। ये दक्षिण और पश्चिम भारत से मिले सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग में पाए गए हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि ये वैरिएंट फिलहाल गंभीर चिंता का कारण नहीं हैं।
WHO का बयान
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन नए वैरिएंट्स को ‘वैरिएंट्स अंडर मॉनिटरिंग’ की श्रेणी में रखा है, यानी इन्हें घातक नहीं माना गया है, लेकिन इन पर नजर रखने की जरूरत है। चीन और एशिया के अन्य हिस्सों में बढ़ते मामलों में इन्हीं वैरिएंट्स की भूमिका देखी गई है। भारत में JN.1 सबसे आम वैरिएंट बन चुका है, जो कि आधे से ज्यादा मामलों में पाया गया है।
भारत में कोविड-19 का खतरा फिर से सिर उठा रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो अभी पैनिक की जरूरत नहीं है, लेकिन सार्वजनिक सतर्कता बेहद जरूरी है। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और समय पर टेस्टिंग की आदतों को फिर से अपनाने की सलाह दी जा रही है।
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