Mukhtar Ansari: कपिलदेव हत्याकांड में कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को सुनाई सजा

Sharad Chaurasia
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Mukhtar Ansari: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में गैगेस्टर मुख्तार अंसारी की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी हुई। एमपी- एमएलए कोर्ट ने सुनवाई में रिटायर्स शिक्षक कपिलदेव सिंह हत्याकांड और मीर हसन की हत्या के प्रयास के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी व सोनू यादव को गैंगस्टर मामले में दोषी करार दिया है। कपिल देव हत्याकांड में गाजीपुर की एमपी- एमएलए कोर्ट में आज यानी 27 अक्टूबर को 3 बजे की सुनवाई चली थी।

सुनवाई में कोर्ट ने दोषी करार मुख्तार अंसारी और सोनू यादव को सजा सुनाते हुए माफिया मुख्तार अंसारी पर एमपी/एमएलए कोर्ट ने 10 वर्ष की सजा और 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया साथ ही माफिया के साथी सोनू यादव को भी 5 साल की सजा और 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया हैं। बता दें कि करंडा थाना में साल 2010 मे माफिया मुख्तार अंसारी और सोनू यादव में कपिल देव सिंह की हत्या और मीर हसन की हत्या की साजिश रचने के मुख्य आरोपी थे।

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साक्ष्य के अभाव मे हुए थे बरी

माफिया मुख्तार अंसारी और सोनू यादव को रिटायर शिक्षक कपिलेदव की हत्या के मुख्य आरोपी थे। जिनका मुकदमा कोर्ट में चल रहा था। दोनों मामले में साजिशकर्ता गैगेंस्टर मुख्तार अंसारी साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त हो चुका है। इसके साथ ही इसी मामले में सोनू यादव भी बरी हो गया है, लेकिन गैंगस्टर के मामले में दोनों दोषी पाए गए हैं। कोर्ट ने दोषी मानते हुए टिप्पणी की थी कि भले ही साक्ष्य के अभाव में मुख्तार अंसारी मुख्य केस में बरी हो गया हो, लेकिन उसके अपराधी होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। अब इस आज यानी 27 अक्टूबर को इस मामले में तीन बजे तक फैसला आने की संभावना है।

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क्या है करंडा मामला

पुलिस ने करंडा के सोआपुर निवासी कपिलदेव सिंह की 19 अप्रैल, 2009 को हुई हत्या थी। और मलिकपुरा निवासी मीर हसन पर 24 नवंबर, 2009 को जानलेवा हमला हुआ था। इस मामले में मुख्तार अंसारी और सोनू यादव के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत करंडा थाना में 2010 को मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें मुख्तार अंसारी व सोनू यादव निवासी पसरहीं को निरुद्ध किया था। इस मामले की सुनवाई लंबे समय से रही थी। सात अक्तूबर को मुख्तार अंसारी का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए और सोनू यादव का बयान दर्ज हुआ था। इसके बाद बहस के लिए 11 अक्तूबर की तिथि तय की गई थी, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी।

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