रांची
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देश के विभिन्न हिस्सों से एकत्र हुए आदिवासी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा, आदिवासी समुदाय को जनगणना में कभी भी उचित स्थान नहीं मिलता है। यह उनके अधिकारों के लिए लड़ने का समय है क्योंकि चुनौतियां बढ़ती रहेंगी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भर के आदिवासी समुदायों से एकजुट होने की अपील की और चेताया कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें विलुप्त होने का खतरा हो सकता है। मुख्यमंत्री ने अपनी बात को पुष्ट करने के लिए "बड़ी मछली, छोटी मछली को खा जाती है" कहावत का इस्तेमाल किया। सोरेन ने कहा कि आज, लोगों ने मुझे झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में चुना है, लेकिन मुझे पता है कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, चुनौतियां बढ़ती जाएंगी। आपने देखा होगा कि एक बड़ी मछली हमेशा छोटी मछली को खाने की कोशिश करती है।"
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जब तक समुदाय एकजुट नहीं होगा, उन्हें प्रणालीगत हाशिए और उपेक्षा का सामना करना पड़ सकता है। मुख्यमंत्री ने झारखंड की प्राकृतिक संपदा पर चिंता जताई और लोगों से इस पर विचार करने का आग्रह किया कि क्या इसकी खनिज समृद्धि वरदान रही है या अभिशाप।
