Kartik Purnima 2024: आज कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) का पर्व पूरे देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है, जिसमें श्रद्धालु गंगा सहित विभिन्न पवित्र नदियों के घाटों पर स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं. इस अवसर पर मठ-मंदिरों और धर्मशालाओं में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. मुख्य पर्व के पूर्व संध्या से ही सरयू के स्नान घाटों से लेकर प्रमुख मंदिरों तक भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं. कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए लगभग 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जिसे देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. ड्रोन कैमरे और सादी वर्दी में तैनात सुरक्षा कर्मी हर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. वाराणसी के गंगा घाटों पर भी श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ देखी जा रही है.
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स्नान का शुभ मुहूर्त और धार्मिक आयोजन

कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) स्नान का शुभ मुहूर्त 15 नवंबर की सुबह 4:37 बजे से लेकर 16 नवंबर की सुबह 2:29 बजे तक है. इस पावन अवसर पर कार्तिक पूर्णिमा मेला और चौदहकोसी परिक्रमा मेला एक साथ चल रहा है. चौदहकोसी और पंचकोसी परिक्रमा मेले के प्रमुख पर्व सफलतापूर्वक सम्पन्न हो चुके हैं और शुक्रवार को पूर्णिमा स्नान के साथ मेले का अंतिम पर्व मनाया जाएगा. नगर के मठ-मंदिरों में इस पावन अवसर पर धार्मिक आयोजन अपने चरम पर हैं, जहां श्रीरामचरितमानस और श्रीमद्भागवत की कथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है.
मंदिरों में दर्शन-पूजन और यातायात व्यवस्था

पूर्णिमा स्नान के लिए श्रद्धालुओं ने गुरुवार सुबह से ही नगर के मठ-मंदिरों और धर्मशालाओं में डेरा डालना शुरू कर दिया था. स्नान के बाद श्रद्धालु रामलला, श्री हनुमानगढ़ी, कनक भवन, नागेश्वरनाथ मंदिर सहित अन्य मंदिरों में दर्शन-पूजन कर रहे हैं. जैसे-जैसे शाम हुई, मेला क्षेत्र के मुख्य मार्गों और मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ और बढ़ने लगी. भीड़ को देखते हुए दूसरी बेला से यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए नयाघाट बंधा तिराहा से श्रीराम अस्पताल तक चार पहिया और बड़े वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है.
धार्मिक मान्यता और महत्व
कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) को पवित्र नदियों में स्नान, व्रत, और दान से मोक्ष प्राप्ति की मान्यता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु का पहला अवतार हुआ था और भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का संहार किया था. सिख धर्म में भी इस दिन का विशेष महत्व है, क्योंकि इसी दिन गुरु नानक देव का जन्म हुआ था, जिसे प्रकाशोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस दिन घाटों पर दीपदान का भी विशेष महत्व है. सरयू नदी के घाटों पर दीपदान के साथ देव दीपावली का पर्व भी 15 नवंबर को मनाया जाएगा.
चिकित्सा सुविधाओं पर असर
कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के सार्वजनिक अवकाश के चलते चिकित्सा संस्थानों में ओपीडी सेवाएं प्रभावित रहेंगी. केजीएमयू, लोहिया संस्थान, पीजीआई और कैंसर संस्थान में इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध रहेंगी, जबकि सरकारी अस्पतालों में दोपहर 12 बजे तक ही ओपीडी में मरीज देखे जाएंगे. सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश के अनुसार, ओपीडी हाफ डे रहेगी.
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष की शुभकामनाएं

आपको बता दे कि, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक देव के 555वें प्रकाश पर्व पर सभी को बधाई दी. उन्होंने गुरु नानक देव को दार्शनिक, समाज सुधारक और कवि के रूप में सराहा और उनकी शिक्षाओं का उल्लेख किया, जो अंधविश्वास, आडंबर और जात-पात को समाप्त करने की प्रेरणा देती हैं