Cyber Fraud: देशभर से लगातार साइबर अपराधों से जुड़ी घटनाएँ सामने आ रही हैं। डिजिटल लेन-देन बढ़ने के साथ ही साइबर ठग आम नागरिकों को नई-नई तरकीबों से निशाना बना रहे हैं। सरकार द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि साइबर अपराध में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है और इसकी गति चिंताजनक है।सरकार ने लोकसभा में बताया कि वर्ष 2021 की तुलना में 2022 में साइबर क्राइम की घटनाओं में 127.44 फीसदी की भारी वृद्धि दर्ज की गई। यह आंकड़े डिजिटल सुरक्षा के लिहाज से बेहद गंभीर माने जा रहे हैं, क्योंकि वर्ष-दर-वर्ष साइबर अपराधियों का दायरा बढ़ता जा रहा है।
Cyber Fraud: 2024 में ठगी ने तोड़े सभी रिकॉर्ड
लोकसभा में दिए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में साइबर अपराधियों ने लोगों को 22,845 करोड़ रुपये का नुकसान पहुँचाया। यह राशि 2023 की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक है। ठगी की यह रफ़्तार दिखाती है कि साइबर सुरक्षा का ढांचा चुनौतियों से घिरा हुआ है और अपराधियों की तकनीकें और भी उन्नत हो रही हैं।जेडीयू सांसद अजय कुमार मंडल ने गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार से सवाल पूछा कि पिछले तीन वर्षों में नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर कितने मामले दर्ज हुए और इन मामलों से लोगों को कितना वित्तीय नुकसान हुआ।
उन्होंने यह भी पूछा कि कुल पंजीकृत मामलों में से कितनों का निपटारा हो गया है और कितने अभी लंबित हैं।सरकार के मुताबिक, NCRP पर 2021 में 4,52,429 साइबर अपराधों की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। अगले ही वर्ष यानी 2022 में यह संख्या बढ़कर 10,29,026 हो गई, यानी मामलों में दोगुनी से भी अधिक वृद्धि दर्ज की गई।
Cyber Fraud: 2023 में 55% की और बढ़ोतरी
2023 में साइबर अपराध के मामलों की संख्या और बढ़कर 15,96,491 हो गई। 2022 की तुलना में 2023 में 55.15 फीसदी अधिक मामले सामने आए, जो यह दर्शाता है कि डिजिटल ठगी अब पहले की तुलना में कहीं ज्यादा व्यापक हो चुकी है।साल 2024 में साइबर क्राइम ने एक और रिकॉर्ड बनाया। इस वर्ष NCRP पर कुल 22,68,346 मामले दर्ज किए गए, जो 2023 की तुलना में 42.08 फीसदी की वृद्धि को दर्शाते हैं। यह बताता है कि साइबर अपराध लगातार बढ़ रहा है और इसे रोकने की चुनौती और कठिन होती जा रही है।
साइबर अपराध से लोगों को हुआ नुकसान
सरकार ने यह भी बताया कि वर्ष 2022 में आम नागरिकों को साइबर ठगी से 2,290.24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 7,465.18 करोड़ रुपये तक पहुँच गया। इसके बाद 2024 में यह नुकसान लगभग 22,845.73 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की तुलना में कई गुना अधिक है।साल-दर-साल बढ़ती घटनाओं और नुकसान की भारी भरकम राशि से साफ संकेत मिलता है कि साइबर सुरक्षा को लेकर देश को और अधिक मजबूत कदम उठाने की आवश्यकता है। सरकार, एजेंसियों और नागरिकों को संयुक्त रूप से अधिक सतर्क और जागरूक होना होगा, ताकि तेज़ी से बढ़ रहे साइबर अपराधों पर रोक लगाई जा सके।
