Cyber Security: आज के डिजिचल युग में हर चीज सबके लिए बेहद आसान हो गई है, फिर चाहें हो, ऑफिस हो या फिर बिजनेस का कोई काम। लेकिन इसके फायदे के साथ-साथ कई सारे नुकसान भी होते हैं। जैसे की साइबर हमले। साइबर हमले ऐसे हमले होते हैं जो कंप्यूटर, नेटवर्क या ऑनलाइन सिस्टम को लक्षित करते हैं, ताकि हैकर्स डेटा चुरा सकें या सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकें। लेकिन इन हमलों में क्या तकनीकें इस्तेमाल होती हैं और ये होते कैसे हैं? आइए जानते हैं विस्तार से।
Read more: Lucknow News: जमघट पर्व पर आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से हुआ रोशन, डिप्टी सीएम ने की पतंगबाजी में शिरकत
साइबर हमले की पूरी प्रक्रिया

साइबर हमला एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति या समूह कंप्यूटर सिस्टम की कमजोरियों का फायदा उठाकर नुकसान पहुंच हासिल करता है। इसके पीछे कई उद्देश्य हो सकते हैं जैसे डेटा चोरी करना, सिस्टम को क्रैश करना, ब्लैकमेल करना, या फिर आर्थिक नुकसान पहुंचाना। इन हमलों के लिए अलग-अलग तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है, और हर तकनीक का उद्देश्य अलग होता है।
साइबर हमलों के टाइप्स…
Phishing (फिशिंग)
फिशिंग सबसे आम साइबर हमलों में से एक है। इसमें हैकर्स नकली ईमेल या मैसेज भेजते हैं, जो किसी असली कंपनी के मेल जैसे लगते हैं। जब यूज़र इन मेल्स या लिंक पर क्लिक करता है या अपनी व्यक्तिगत जानकारी डालता है, तो उसका पासवर्ड, बैंक डिटेल्स या अन्य संवेदनशील डेटा चुरा लिया जाता है।
Malware (मैलवेयर)
मैलवेयर एक खतरनाक सॉफ़्टवेयर होता है जो आपके डिवाइस पर हमला करता है और आपकी फाइलों को नुकसान पहुंचाता है या डेटा चुराता है। इसमें वायरस, ट्रोजन, स्पाईवेयर और रैनसमवेयर जैसे प्रोग्राम शामिल होते हैं, जो सिस्टम को धीमा कर सकते हैं, या आपके डेटा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
Ransomware (रैनसमवेयर)
रैनसमवेयर तकनीक में, हैकर्स सिस्टम को लॉक कर देते हैं और उसे अनलॉक करने के लिए फिरौती (ransom) मांगते हैं। यह हमले अक्सर बड़ी कंपनियों या सरकारी संस्थाओं पर किए जाते हैं, जिनके पास महत्वपूर्ण डेटा होता है। कई बार कंपनियां अपने डेटा को वापस पाने के लिए लाखों रुपये तक चुका देती हैं।
DDoS Attack (DDoS हमला)
DDoS (Distributed Denial of Service) हमला तब होता है जब एक साथ हजारों रिक्वेस्ट एक वेबसाइट या सर्वर पर भेजी जाती हैं, जिससे सिस्टम ओवरलोड होकर बंद हो जाता है। इस तकनीक का इस्तेमाल अक्सर बड़ी कंपनियों या सरकारी वेबसाइट्स को निशाना बनाने के लिए किया जाता है।
Keylogging (कीलॉगिंग)
कीलॉगिंग तकनीक में हैकर्स एक खास सॉफ़्टवेयर आपके डिवाइस में इंस्टॉल कर देते हैं, जो आपके कीबोर्ड पर टाइप किए गए हर एक की को रिकॉर्ड करता है। इससे हैकर्स आपके पासवर्ड, लॉगिन डिटेल्स और अन्य निजी जानकारी आसानी से चुरा सकते हैं।
AI और मशीन लर्निंग
आजकल साइबर अपराधी कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) का भी उपयोग कर रहे हैं। ये तकनीकें हमलों को और भी स्मार्ट और तेज़ बना देती हैं। उदाहरण के लिए, AI की मदद से हैकर्स नकली वॉइस कॉल या डीपफेक वीडियो बनाकर लोगों को धोखा दे सकते हैं। यह तकनीक साइबर अपराधियों को और भी प्रभावशाली बनाती है, जिससे आम लोगों के लिए धोखाधड़ी का शिकार होना आसान हो जाता है।
साइबर हमलों से बचने के उपाय
- मजबूत और यूनिक पासवर्ड का उपयोग करें।
- टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को ऑन रखें।
- संदिग्ध लिंक या ईमेल पर क्लिक करने से बचें।
- अपने सिस्टम और एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर को हमेशा अपडेट रखें।
- अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखें और केवल विश्वसनीय वेबसाइटों पर ही डेटा साझा करें।
