Cyclone Montha: आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों से टकराने के बाद चक्रवात मोंथा अब कमजोर होकर सामान्य चक्रवाती तूफान में बदल गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बुधवार, 29 अक्टूबर 2025 को बताया कि यह चक्रवात तड़के मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच आंध्र प्रदेश और यानान को पार कर गया। फिलहाल यह तूफान करीब 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से राज्य के उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसका केंद्र नरसापुर से 20 किमी, मछलीपट्टनम से 50 किमी और काकीनाडा से 90 किमी दूर स्थित था।
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डॉपलर रडार से निगरानी, कई जिलों में भारी बारिश
IMD के अनुसार, मछलीपट्टनम और विशाखापट्टनम में डॉपलर रडार के जरिए चक्रवात की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। आंध्र प्रदेश के कई तटीय जिलों में तेज हवाएं और भारी बारिश का दौर जारी है। विजयवाड़ा में 50 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। सरकार ने जनता से अपील की है कि वे अगले छह घंटे तक सुरक्षित स्थानों पर रहें और बाहर निकलने से बचें।
गोदावरी जिलों में भारी नुकसान, तीन की मौत
आपको बता दे कि, चक्रवात के असर से पश्चिमी गोदावरी, कृष्णा और पूर्वी गोदावरी जिलों में मूसलाधार बारिश हुई है। कई जगह पेड़ गिरने और बिजली आपूर्ति बाधित होने की खबरें हैं। निचले इलाकों में पानी भर गया है। मछलीपट्टनम, नरसापुर और काकीनाडा में करीब 15 सेंटीमीटर तक बारिश दर्ज की गई है। नेल्लोर जिले में लगातार 36 घंटे से बारिश हो रही है। कोनसीमा जिले में पेड़ गिरने से एक महिला की मौत हुई, जबकि पूरे राज्य में अब तक तीन लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।
सात जिलों में रात का वाहन प्रतिबंध लागू
एहतियात के तौर पर आंध्र प्रदेश सरकार ने कृष्णा, एलुरु, काकीनाडा, पश्चिमी गोदावरी, पूर्वी गोदावरी, कोनसीमा और अल्लूरी सीतारमा राजू जिलों में रात 8:30 बजे से सुबह 6 बजे तक वाहन चलाने पर रोक लगा दी है। केवल आपातकालीन और चिकित्सा सेवाओं को छूट दी गई है। प्रशासन ने सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात नियंत्रित करने के निर्देश जारी किए हैं ताकि किसी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके।
हवाई और रेल सेवाएं ठप, राहत कार्य जारी
चक्रवात के चलते हवाई और रेल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। विशाखापट्टनम एयरपोर्ट से 32, विजयवाड़ा से 16 और तिरुपति से 4 उड़ानें रद्द की गईं। दक्षिण मध्य रेलवे ने सोमवार और मंगलवार को 120 से अधिक ट्रेनों को रद्द किया है। राहत कार्यों के लिए NDRF की 45 टीमें तैनात हैं। बिजली, पानी और संचार सेवाओं को बहाल करने के लिए मरम्मत दल लगातार काम कर रहे हैं।
ओडिशा में भी मोंथा का असर
ओडिशा में भी चक्रवात मोंथा का प्रभाव दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आठ दक्षिणी जिलों में 2000 से अधिक राहत केंद्र सक्रिय कर दिए हैं। अब तक 11,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जबकि 30,000 और लोगों को स्थानांतरित करने की तैयारी चल रही है। राज्य में 30 ODRF, 123 अग्निशमन दल और NDRF की 5 टीमें राहत कार्य में जुटी हैं।
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रेड अलर्ट जारी, स्कूल बंद और पर्यटक स्थलों पर रोक
भारतीय मौसम विभाग ने ओडिशा के मलकानगिरी, रायगड़ा, कोरापुट, गजपति और गंजम जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं कंधमाल, नयागढ़, बोलांगीर, पुरी और खुर्दा में ऑरेंज अलर्ट और कटक, भद्रक, बालासोर, संबलपुर तथा मयूरभंज में येलो अलर्ट घोषित किया गया है। नौ जिलों में स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को 30 अक्टूबर तक बंद रखने का आदेश दिया गया है। देवमाली और महेंद्रगिरि पहाड़ियों में पर्यटकों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है।
रेल मंत्री ने समीक्षा की, समन्वय पर दिया जोर
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ईस्ट कोस्ट रेलवे और साउथ सेंट्रल रेलवे अधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने यात्री सुरक्षा, ट्रेन संचालन नियंत्रण और आपदा प्रबंधन एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
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