Dabur Share Price: डाबर इंडिया लिमिटेड के शेयर में आज करीब 7% की गिरावट देखी गई। यह शेयर फिलहाल 465.20 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहा है, जो पिछले दिन के मुकाबले −30.55 रुपये (6.16%) की गिरावट दर्शाता है। इस गिरावट के कारण डाबर का शेयर 52-सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गया है। इस गिरावट का प्रमुख कारण कंपनी द्वारा जारी किया गया तिमाही रिपोर्ट था, जिसमें निराशाजनक कारोबारी परिणाम सामने आए।
तिमाही नतीजे और घरेलू मांग में कमी

आपको बता दे कि, कंपनी ने मार्च 2025 को समाप्त तिमाही (Q4FY25) के लिए निराशाजनक कारोबारी अपडेट साझा किया। डाबर ने इस तिमाही में घरेलू मांग के रुझान में नरमी का संकेत दिया है, हालांकि, कंपनी ने कहा कि इस कमी की भरपाई ग्रामीण बाजारों में मजबूत बिक्री और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अच्छी वृद्धि से हुई। विशेष रूप से, कंपनी का कहना है कि चौथी तिमाही में ग्रामीण बाजारों ने शहरी बाजारों से बेहतर प्रदर्शन किया।
ग्रामीण बाजारों में वृद्धि, शहरी बाजारों में गिरावट
डाबर की तिमाही रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि ग्रामीण बाजारों में शहरी बाजारों के मुकाबले अधिक विकास देखा गया। इसका मतलब है कि डाबर के उत्पादों की बिक्री ग्रामीण इलाकों में शहरी इलाकों के मुकाबले ज्यादा बढ़ी है। हालांकि, पारंपरिक खुदरा बाजारों यानी सामान्य व्यापार में दबाव देखा गया, जिससे डाबर की बिक्री में कमी आई।
एफएमसीजी सेक्टर में धीमी वृद्धि

कंपनी का कहना है कि फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) सेक्टर में भी वॉल्यूम ग्रोथ धीमी रही, जिसका असर डाबर की घरेलू बिक्री पर पड़ा। विशेष रूप से, भारत में डाबर का FMCG कारोबार मुश्किलों का सामना कर रहा है। इसके पीछे की एक मुख्य वजह सर्दियों का मौसम देर से आना और छोटा रहना था, जिससे कंपनी की बिक्री प्रभावित हुई।
मुनाफे में गिरावट की संभावना
डाबर ने इस बात का अनुमान जताया है कि उसके ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन में इस साल करीब 150-175 बेसिस प्वाइंट की गिरावट आ सकती है। इसके परिणामस्वरूप कंपनी का मुनाफा भी पहले से कम हो सकता है। डाबर ने इस गिरावट के लिए महंगाई के दबाव और ऑपरेटिंग डिलीवरेज (वृद्धि खर्च और फिक्स्ड खर्चों की भरपाई में समस्या) को जिम्मेदार ठहराया है।
लंबी अवधि के मुनाफे के लिए रणनीति

हालांकि, इन चुनौतियों के बावजूद, डाबर कंपनी ने अपनी दीर्घकालिक मुनाफे वाली ग्रोथ पर ध्यान केंद्रित किया है। कंपनी का कहना है कि वह ब्रांड निवेश, बेहतर मार्केटिंग रणनीतियों और ऑपरेशनल एफिशिएंसी के जरिए अपने कारोबार को आगे बढ़ाने की योजना बना रही है।
अंतरराष्ट्रीय कारोबार में अच्छी वृद्धि

डाबर के उत्पाद मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका, मिस्र और बांग्लादेश जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। कंपनी का कहना है कि इन देशों में बिक्री मजबूत रही है और इसके कारण अंतरराष्ट्रीय कारोबार में दोहरे अंकों की वृद्धि हो सकती है। डाबर को उम्मीद है कि स्थिर मांग और रणनीतिक विस्तार के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार से अच्छे रिटर्न मिलेंगे, खासकर जब मुद्रा में उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखा जाए।
डाबर इंडिया लिमिटेड को अपने घरेलू बाजार में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इसके प्रदर्शन से कंपनी को राहत मिल रही है। अब देखना यह होगा कि डाबर आने वाले समय में अपनी रणनीतियों को कैसे लागू करती है और क्या कंपनी आने वाले तिमाही में सुधार दिखा पाएगी।

