OP Rajbhar death threat: उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर को गोली मारने की धमकी दी गई है. इस बात की जानकारी खुद उनके बेटे अरुण राजभर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की है. उन्होनें कहा कि यह धमकी करणी सेना बलिया नामक एक फेसबुक आईडी से दी गई है. अरुण राजभर ने ट्वीट करते हुए मांग की है कि ऐसे अराजक तत्वों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए.
पहले भी मिल चुकी है धमकी
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, यह पहली बार नहीं है जब राजभर परिवार को जान से मारने की धमकी मिली है. इससे पहले 2 मार्च 2025 को खुद अरुण राजभर को इंस्टाग्राम पर एक वीडियो के ज़रिए जान से मारने की धमकी दी गई थी. वीडियो विवेक पासी नाम के इंस्टाग्राम अकाउंट से साझा किया गया था, जिसमें एक शख्स अरुण को गालियां देते हुए धमकी देता नजर आया था. इस संबंध में हजरतगंज कोतवाली में केस दर्ज किया गया था.
फोटो एडिट कर बनाया गया आपत्तिजनक वीडियो
आपको बता दे कि, इस मामले में पार्टी के प्रदेश कार्यालय प्रभारी धर्मप्रकाश चौधरी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में कहा गया कि अरुण राजभर की तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर एक आपत्तिजनक वीडियो बनाया गया, जिसमें उन्हें गालियां दी गईं और बदनाम करने की कोशिश की गई. वीडियो के कारण न केवल व्यक्ति विशेष को मानसिक क्षति पहुंची बल्कि पार्टी की सार्वजनिक छवि को भी भारी नुकसान हुआ.
ओपी राजभर का राजनीतिक सफर
गौरतलब है कि ओपी राजभर उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की जहूराबाद विधानसभा सीट से विधायक हैं। उनका राजनीतिक सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। पहले वे बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में थे, लेकिन भदोही का नाम बदलने को लेकर नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया। 2004 में उन्होंने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की स्थापना की।
2017 में वे पहली बार योगी आदित्यनाथ की सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बने थे, लेकिन ओबीसी आरक्षण विवाद के चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 2022 में उन्होंने अखिलेश यादव के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा, पर जब समाजवादी पार्टी को बहुमत नहीं मिला तो उन्होंने एक बार फिर राजनीतिक रुख बदलते हुए भाजपा का समर्थन कर दिया। वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री के पद पर कार्यरत हैं.
एक बार फिर ओपी राजभर और उनके परिवार को मिल रही धमकियों ने राज्य की कानून व्यवस्था और राजनीतिक माहौल को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिवार की ओर से लगातार सोशल मीडिया पर सुरक्षा की मांग की जा रही है, वहीं अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस पर कितनी जल्दी और प्रभावी कार्रवाई करता है.

