Delhi Air Pollution: दिल्ली में सर्दी बढ़ने के साथ प्रदूषण का स्तर लगातार गंभीर होता जा रहा है। सुबह से ही आसमान पर स्मॉग की मोटी परत छाई रहती है, जिससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 350 से 400 के बीच बना हुआ है, जो ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। हालात को देखते हुए राजधानी में ग्रैप-3 (Graded Response Action Plan) लागू कर दिया गया है।
Delhi AQI Update: दिल्ली में प्रदूषण का आपातकाल! हवा हुई जानलेवा, AQI ने तोड़ा रिकॉर्ड
मौसम का हाल

मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में न्यूनतम तापमान लगातार गिर रहा है। पिछले 24 घंटों में न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह और शाम के समय ठंडक के साथ-साथ हल्का कोहरा और धुंध भी देखने को मिल रहा है, जो प्रदूषण की स्थिति को और बिगाड़ रहा है।
बवाना सबसे प्रदूषित क्षेत्र
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का बवाना इलाका सबसे प्रदूषित रहा। यहां AQI 427 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। इसके अलावा वजीरपुर डिपो में AQI 401, विवेक विहार में 396, आईटीओ पर 394, आनंद विहार में 384, अशोक विहार में 392, चांदनी चौक में 384, सोनिया विहार में 380 और नजफगढ़ में 324 दर्ज किया गया। राजधानी के कई इलाकों में AQI 400 से ऊपर बना हुआ है।
हालात में सुधार की उम्मीद कम
हालांकि कुछ क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार देखा गया है, लेकिन समग्र स्थिति अब भी बेहद खराब बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे सर्दी बढ़ेगी, प्रदूषण का स्तर और अधिक गंभीर हो सकता है।
गैस चैंबर में तब्दील होती दिल्ली
प्रदूषण के कारण दिल्ली गैस चैंबर जैसी स्थिति में पहुंच गई है। जहरीली हवा के चलते सांस लेना मुश्किल हो गया है। सांस और फेफड़ों से संबंधित बीमारियों के मरीजों की संख्या अस्पतालों में तेजी से बढ़ रही है। मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन ने कहा कि मौजूदा हालात बेहद चिंताजनक हैं और सरकार को तुरंत कठोर कदम उठाने चाहिए।

सरकार की सख्ती और सलाह
दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रैप-3 लागू किया गया है। इसके तहत कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं, लेकिन हवा की स्थिति में खास सुधार नहीं दिख रहा है। दिल्ली सरकार ने लोगों से सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की अपील की है। साथ ही, पांचवीं तक के स्कूलों को हाइब्रिड मोड पर कर दिया गया है और कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने की सलाह दी गई है।
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