दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 (Delhi Assembly Election 2025) के मतदान की प्रक्रिया आज सुबह 7 बजे से शुरू हो गई है। इस बार के चुनाव में दिल्ली की राजनीतिक भविष्य का फैसला जनता के वोटों पर निर्भर करेगा। चुनावी मैदान में आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच सीधा मुकाबला देखा जा रहा है। वहीं, कांग्रेस पार्टी भी इस चुनाव में अपनी खोई हुई जमीन को फिर से हासिल करने की कोशिश कर रही है। 8 फरवरी को चुनाव परिणाम घोषित होंगे, और तब यह स्पष्ट हो जाएगा कि दिल्ली की जनता ने किसे अपना आशीर्वाद दिया है।
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13,766 मतदान केंद्रों पर वोटिंग

इस बार के चुनाव में कुल 70 विधानसभा क्षेत्रों में 13,766 मतदान केंद्रों पर वोटिंग हो रही है। इनमें 699 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जो जनता के समर्थन के लिए जोर-शोर से प्रचार कर रहे थे। मतदान केंद्रों पर मतदाताओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है, और लंबी कतारें भी लग रही हैं। चुनावी मुद्दों के बारे में बात करें तो इस बार यमुना के प्रदूषित पानी, दिल्ली की खराब सड़कों और भ्रष्टाचार के मुद्दे सबसे ज्यादा चर्चा में रहे हैं। इन मुद्दों पर सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने दृष्टिकोण रखे और जनता से समर्थन मांगा।
दिल्ली की सत्ता में वापसी
चुनाव से पहले के सर्वे और राजनीतिक विश्लेषणों के मुताबिक, अगर आम आदमी पार्टी (AAP) को जीत मिलती है तो वह लगातार तीसरी बार दिल्ली की सत्ता में वापसी करेगी। दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी सत्ता में वापसी करने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। बीजेपी ने इस चुनाव में दिल्ली की सुरक्षा, बुनियादी ढांचे और विकास के मुद्दों को जोर-शोर से उठाया है। वहीं, कांग्रेस भी इस चुनाव में अपनी खोई हुई जमीन को फिर से हासिल करने के लिए मैदान में उतरी है, हालांकि उसके पास पहले जैसा जनाधार नहीं है।

केजरीवाल ने विकास को बनाया मुद्दा
दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां सत्ता में वापस आने के लिए संघर्ष कर रही हैं। बीजेपी पिछले 25 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर है, जबकि कांग्रेस 2013 के बाद से सत्ता से बाहर है। ऐसे में दोनों दलों के लिए यह चुनाव अस्तित्व की लड़ाई जैसा बन गया है। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) की तरफ से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विकास के मुद्दे को उठाया और दिल्ली को शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली जैसे क्षेत्रों में बेहतर बनाने के दावे किए हैं।
चुनावी सुरक्षा के इंतजाम

चुनावों की शांतिपूर्वक तरीके से प्रक्रिया संपन्न हो सके, इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली में अर्धसैनिक बलों की 200 से अधिक कंपनियों को तैनात किया गया है, साथ ही 35,000 से अधिक दिल्ली पुलिस के जवानों को भी चुनावी सुरक्षा में लगाया गया है। इसके अलावा, 3000 से ज्यादा मतदान केंद्रों को संवेदनशील बताया गया है, जहां सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। पुलिस ने ड्रोन से भी निगरानी रखने की योजना बनाई है ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोका जा सके।
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मतदाताओं से लगातार अपील
मतदान प्रक्रिया के दौरान चुनाव आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे अपना वोट शांतिपूर्वक और शांतिपूर्ण तरीके से डालें और किसी भी तरह की हिंसा या गड़बड़ी से बचें। चुनाव आयोग ने किसी भी प्रकार की समस्या या शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। अब यह देखना होगा कि दिल्ली की जनता किसे अपना आशीर्वाद देती है और किसे मिलेगा दिल्ली की सत्ता का ताज।