Delhi Blast: ब्लास्ट पर कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला, अब आतंकियों पर क्या एक्शन होगा?

दिल्ली ब्लास्ट को सरकार ने आधिकारिक तौर पर आतंकी हमला क्यों माना और कैबिनेट ने इस संबंध में प्रस्ताव क्यों पास किया? जानें इस निर्णय के बाद सुरक्षा एजेंसियों को क्या अतिरिक्त शक्तियाँ मिलेंगी और आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का क्या ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है। यह कैबिनेट फैसला देश की आतंकवाद विरोधी नीति के लिए कितना अहम है, पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें।

Chandan Das
Delhi Blast
दिल्ली ब्लास्ट को आतंकी हमला माना

Delhi Blast: दिल्ली में लाल किले के पास हुए ब्लास्ट को केंद्र सरकार ने आतंकी हमला करार दिया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस घटना पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक के दौरान सभी मंत्रियों ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी और शोक संवेदना प्रकट की। सरकार ने इस हमले को राष्ट्रविरोधी ताकतों द्वारा रची गई एक जघन्य साजिश बताया, जिसने देश की राजधानी को दहला दिया।

Delhi Blast: कैबिनेट बैठक में पारित प्रस्ताव

कैबिनेट की बैठक में एक औपचारिक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया कि “देश ने 10 नवंबर 2025 को लाल किले के पास एक कार धमाके के रूप में राष्ट्र-विरोधी ताकतों द्वारा किए गए जघन्य आतंकी हमले को देखा है।” प्रस्ताव में इस बात पर जोर दिया गया कि ऐसे कृत्यों का उद्देश्य देश की शांति, एकता और सुरक्षा को चुनौती देना है, लेकिन भारत ऐसी कोशिशों के सामने झुकने वाला नहीं है।

Delhi Blast: जांच को लेकर सरकार का सख्त रुख

मंत्रिमंडल ने सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया है कि इस घटना की जांच “अत्यंत तत्परता और पेशेवर तरीके से” की जाए। सरकार ने कहा कि दोषियों, उनके सहयोगियों और इस साजिश के पीछे छिपे मास्टरमाइंड्स की पहचान कर उन्हें शीघ्र न्याय के कटघरे में लाया जाए। साथ ही, सभी राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों को निर्देशित किया गया है कि वे इस हमले से जुड़े हर सुराग का पता लगाने के लिए आपसी समन्वय बनाए रखें।

मृतकों को श्रद्धांजलि और मौन

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने इस आतंकी घटना में मारे गए लोगों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हुए दो मिनट का मौन रखा। उन्होंने कहा कि 10 नवंबर की शाम को दिल्ली ने एक भयावह घटना देखी, जब लाल किले के पास एक कार में हुए विस्फोट ने कई निर्दोष नागरिकों की जान ले ली और दर्जनों लोग घायल हो गए। सरकार ने इसे देश पर किया गया एक सीधा हमला बताया और पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी सहानुभूति व्यक्त की।

कैबिनेट ने सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और उनके इलाज में जुटे डॉक्टरों, नर्सों और इमरजेंसी सेवाओं से जुड़े कर्मियों की सराहना की। मंत्री वैष्णव ने कहा कि संकट की इस घड़ी में स्वास्थ्यकर्मियों ने पूरी जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ अपनी सेवाएं दीं। सरकार ने यह भी दोहराया कि पीड़ितों और उनके परिजनों को हर संभव आर्थिक और मानवीय सहायता दी जाएगी।

आतंकी साजिश की निंदा और राष्ट्रीय एकता का संदेश

अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट कहा कि कैबिनेट इस नृशंस और कायराना हरकत की कड़ी निंदा करती है, जिसने निर्दोष लोगों की जान ले ली। उन्होंने कहा कि यह घटना भारत की एकता और स्थिरता को कमजोर करने की साजिश है, लेकिन देश ऐसे आतंकवादी मंसूबों को कभी सफल नहीं होने देगा। सरकार ने सभी नागरिकों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की है।

लाल किला विस्फोट को लेकर सरकार का रुख साफ है यह सिर्फ एक आपराधिक कृत्य नहीं, बल्कि राष्ट्र-विरोधी आतंकी हमला है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ने यह संकल्प लिया है कि इस साजिश को अंजाम देने वाले सभी अपराधियों को सख्त सजा दी जाएगी। देश ने एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई है, और सरकार ने भरोसा दिलाया है कि न्याय की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जाएगी, ताकि निर्दोष नागरिकों की जान लेने वाले दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा न जाए।

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