Delhi Blast: दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास हुए विस्फोट के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने इस घटना की जाँच के लिए अदालत की निगरानी में एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर बयान देते हुए दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय की लापरवाही पर चिंता जताई है और इस घटना की गहरी जाँच की आवश्यकता को महसूस किया है।
Delhi Blast: अभिषेक बनर्जी का बयान: शोक और चिंता
मंगलवार को अभिषेक ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर लिखा, “दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट से मुझे गहरा दुख हुआ है। इस विस्फोट में कई लोग घायल हुए हैं और कई लोगों की जान चली गई है। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ और घायल व्यक्तियों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।” उन्होंने दिल्ली की सुरक्षा में लापरवाही पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा, “दिल्ली पुलिस को कानून-व्यवस्था बनाए रखनी चाहिए थी। यह कैसे संभव है कि राजधानी में इतनी बड़ी लापरवाही हो?”
Delhi Blast: फरीदाबाद में विस्फोटक सामग्री बरामद होना भी चिंता का विषय
अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को फरीदाबाद में भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद होने का हवाला देते हुए कहा कि यह घटना दिल्ली की आंतरिक सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है। उन्होंने आगे कहा, “यदि आवश्यक हो, तो इस मामले की सच्चाई को उजागर करने और दोषियों की पहचान करने के लिए अदालत की निगरानी में एक समिति का गठन किया जाना चाहिए।”
Delhi Blast: लाल किले के पास विस्फोट की जाँच में अहम खुलासे
दिल्ली में हुए विस्फोट की जाँच में कई अहम जानकारी सामने आई है। जाँचकर्ताओं के मुताबिक, विस्फोट से कुछ घंटे पहले सोमवार शाम लगभग 4 बजे सुनहरी मस्जिद के पास स्थित पार्किंग में एक संदिग्ध वाहन घुसा था। यह वाहन करीब तीन घंटे तक वहाँ खड़ा रहा और फिर मेट्रो स्टेशन के पास विस्फोट कर दिया गया। इस घटना के दौरान सीसीटीवी फुटेज की जांच से पता चला कि विस्फोट करने से पहले वाहन में केवल एक व्यक्ति था, जिसने बाद में हमले को अंजाम दिया।
विस्फोट का प्रकार और संभावित आतंकी साजिश
जाँचकर्ताओं ने यह भी बताया कि विस्फोट स्थल से मिले शवों के अवशेषों और जलने के तरीकों से यह संकेत मिलता है कि विस्फोट में आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) या इस प्रकार के किसी अन्य विस्फोटक उपकरण का इस्तेमाल किया गया था। एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) और एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की टीमों द्वारा की गई प्रारंभिक जाँच रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट होगा कि यह किस प्रकार का विस्फोट था। इस घटना की प्रकृति को देखते हुए, जाँचकर्ताओं का मानना है कि इस हमले के पीछे आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ हो सकता है।
सुरक्षा की कमजोरियाँ और भविष्य में सुधार की आवश्यकता
दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट ने देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सुरक्षा बलों और पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया के बावजूद, ऐसे हमले बड़े सुरक्षा खामियों को उजागर करते हैं। अभिषेक बनर्जी के प्रस्ताव के अनुसार, अदालत की निगरानी में एक SIT गठन करके सच्चाई का पर्दाफाश किया जा सकता है और दोषियों को दंडित किया जा सकता है।
दिल्ली में हुई इस भीषण घटना ने न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को फिर से उजागर किया है, बल्कि सुरक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता भी जताई है। अभिषेक बनर्जी की SIT गठन की माँग यह दिखाती है कि राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र के नेताओं को इस घटना पर गंभीर चिंता है। देश की सुरक्षा के लिए यह समय है कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त और प्रभावी कदम उठाए जाएं।
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