Delhi Blast: नई दिल्ली में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के एक वरिष्ठ नेता ने भारत को निशाना बनाने का स्पष्ट समर्थन किया है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक ने PoK विधानसभा में एक विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने ‘लाल किले से लेकर कश्मीर के जंगलों तक भारत को मारा’ है। यह बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर वायरल हो गया है और इससे पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों का भारत के खिलाफ समर्थन एक बार फिर उजागर हुआ है।
Delhi Blast:चौधरी अनवारुल हक का बयान और विवाद
चौधरी अनवारुल हक ने PoK विधानसभा में कहा, ‘मैंने पहले भी कहा था कि अगर आप बलूचिस्तान में खून बहाते रहेंगे, तो हम लाल किले से लेकर कश्मीर के जंगलों तक भारत को मारेगे, और हमारे शाहीन ने यह कर दिखाया है। वे अभी भी लाशें गिन नहीं पा रहे हैं।’ उनके इस बयान में लाल किले और कश्मीर के जंगलों का संदर्भ साफ तौर पर भारत में हुए हालिया आतंकी हमलों की ओर इशारा करता है। यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के किसी नेता ने सीमा पार आतंकवाद में इस्लामाबाद की भूमिका को लेकर ऐसे बयान दिए हैं।
Delhi Blast:दिल्ली ब्लास्ट: आतंकी हमले का संदर्भ
दिल्ली में 10 नवंबर को हुए आतंकी हमले के संदर्भ में हक के बयान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास एक आत्मघाती विस्फोट हुआ था, जिसमें 15 लोग मारे गए थे। यह धमाका एक धीमी गति से चलती कार में किया गया था। इस हमले का मास्टरमाइंड डॉ. उमर नबी था, जिसे ‘व्हाइट-कॉलर’ आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा माना गया है, और इस मॉड्यूल का संबंध पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से है। इस मॉड्यूल का भंडाफोड़ फरीदाबाद में हमले से ठीक पहले किया गया था, जिससे इसे पाकिस्तान से जुड़ा एक और आतंकी कनेक्शन साबित हुआ है।
कश्मीर में भी आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी हैं
दिल्ली ब्लास्ट से पहले 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकी हमला हुआ था, जिसमें आतंकियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी। इन दोनों घटनाओं के बीच एक समानता है, क्योंकि दोनों हमले पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादी समूहों द्वारा की गईं। इस तरह के हमलों से यह साफ होता है कि पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे भारत में आतंकवादियों की गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं।हालांकि, पाकिस्तान सरकार ने चौधरी अनवारुल हक के बयान से खुद को दूर कर लिया है। पाकिस्तानी सरकार ने इसे एक राजनीतिक गलती करार देते हुए कहा कि यह बयान PoK में अविश्वास प्रस्ताव में हार के बाद पदच्युत नेता की चूक है। सरकार ने कहा कि यह बयान हक का व्यक्तिगत विचार है, और इसे पाकिस्तान सरकार की नीति के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
भारत में आतंकी हमलों की बढ़ती संख्या
पाकिस्तान के नेताओं द्वारा इस प्रकार के विवादास्पद बयान देना भारत में आतंकी हमलों की बढ़ती संख्या के बीच चिंताजनक है। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की ओर से इन हमलों के समर्थन के कारण क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति और भी जटिल हो गई है। इससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है, और इससे सुरक्षा एजेंसियों की चुनौती भी बढ़ी है।पाकिस्तान के नेताओं द्वारा भारत के खिलाफ दिए गए इस प्रकार के बयान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का कारण बन सकते हैं। पाकिस्तान की ओर से आतंकवादियों को समर्थन मिलना और इसे सार्वजनिक तौर पर स्वीकारना यह साबित करता है कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। इस प्रकार के बयान और गतिविधियां न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए खतरे की घंटी हैं।
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