Delhi Blast Update: दिल्ली में लाल किला परिसर के नज़दीक हुए धमाके की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को अब एक महत्वपूर्ण सुराग मिला है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस हमले के पीछे शामिल आतंकी उमर नबी ने विस्फोट को अंजाम देने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया था। एजेंसी को शक है कि उसने ऐसी बम तकनीक अपनाई, जो सामान्य सुरक्षा जांच में आसानी से पकड़ में नहीं आती और कई वैश्विक आतंकी संगठनों द्वारा प्रयोग की जा चुकी है।
Delhi Blast Update: शू बॉम्बर तकनीक के इस्तेमाल की आशंका
NIA के अनुसार, उमर नबी ने धमाके के लिए ‘शू बॉम्बर’ तकनीक का सहारा लिया हो सकता है। इस तकनीक में जूते के तलवे या शू-सोल के भीतर विस्फोटक पदार्थ फिट किया जाता है, जिससे हमलावर बिना शक की नजरों में आए भीड़-भाड़ वाले इलाकों में विस्फोट करा सकता है। जांच अधिकारियों का मानना है कि लाल किले के आसपास मौजूद सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए यह तरीका जानबूझकर चुना गया था ताकि चेकिंग के दौरान कोई अलार्म न बज सके।
Delhi Blast Update: TATP विस्फोटक की मौजूदगी के संकेत
जांच टीम को यह भी संदेह है कि जूते के भीतर जिस विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया, वह TATP (Triacetone Triperoxide) हो सकता है। TATP को ‘मदर ऑफ सैटन’ कहा जाता है क्योंकि यह बेहद संवेदनशील और कम मात्रा में भी बड़े धमाके करने में सक्षम होता है। इसे तैयार करना भी अपेक्षाकृत आसान होता है, क्योंकि इसके लिए मिलने वाली सामग्री रोजमर्रा की वस्तुओं के रूप में उपलब्ध होती है। दुनिया में कई आतंकी हमलों में TATP के उपयोग के उदाहरण सामने आ चुके हैं, जिससे शक और ज्यादा मजबूत हो गया है।
हमलावर की मूवमेंट की जांच तेज
NIA अब हमलावर उमर नबी की दिल्ली में मौजूदगी और उसकी गतिविधियों का पूरा ट्रेल खंगाल रही है। जांच में पता लगाया जा रहा है कि वह राजधानी में कब-कब आया, किससे मिला और तैयारियों के दौरान उसने कहाँ-कहाँ पर रुककर विस्फोटक को संयोजित किया। एजेंसी को कुछ CCTV फुटेज भी मिले हैं जिनमें एक संदिग्ध व्यक्ति लाल किले के आसपास घूमता दिख रहा है, जिसे उमर नबी माना जा रहा है। जांच अधिकारी इन फुटेज को डिजिटल रूप से एन्हांस कर उसकी पहचान पुख्ता करने की कोशिश कर रहे हैं।
लोकल नेटवर्क की संभावना से इनकार नहीं
एजेंसी यह भी पता लगा रही है कि क्या उमर नबी के दिल्ली या आसपास किसी स्थानीय मॉड्यूल से संपर्क थे। यह आशंका जताई जा रही है कि विस्फोटक तैयार करने और हमले की योजना को अंजाम देने में उसे किसी की मदद मिली हो सकती है। जांच टीम उसके फोन रिकॉर्ड, इंटरनेट गतिविधियों और सोशल मीडिया संवाद को खंगाल रही है ताकि उसके नेटवर्क की पूरी तस्वीर सामने आ सके।
सुरक्षा एजेंसियों में सतर्कता बढ़ी
इस खुलासे के बाद राजधानी की सुरक्षा को और कड़ा कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस, एसपीजी और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। ऐतिहासिक और भीड़भाड़ वाले इलाकों में अतिरिक्त चेकिंग शुरू कर दी गई है, जबकि एयरपोर्ट और मेट्रो स्टेशनों पर भी सुरक्षा उपकरणों की संवेदनशीलता बढ़ाई गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि शू बॉम्बर जैसी तकनीकें सुरक्षा तंत्र के लिए चुनौतीपूर्ण होती हैं, इसलिए सतर्कता और जरूरी तकनीकी उन्नयन बेहद आवश्यक हैं।
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