Delhi Blast: दिल्ली ब्लास्ट में बांग्लादेश का कनेक्शन क्यों? मुजम्मिल की बहन कैसे फंसी?

दिल्ली ब्लास्ट मामले में जम्मू कश्मीर पुलिस ने क्यों किया मुजम्मिल की बहन को गिरफ्तार? क्या बांग्लादेश कनेक्शन के तार यहीं से जुड़े हैं? क्या मुजम्मिल की बहन भी आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा थी? जानें कैसे पुलिस ने एक अंतर्राष्ट्रीय आतंकी साज़िश का पर्दाफ़ाश किया, और देश की सुरक्षा के लिए इस गिरफ्तारी के क्या गंभीर मायने हैं। पूरी रिपोर्ट और जांच की जानकारी यहाँ।

Chandan Das
Delhi Blast
दिल्ली ब्लास्ट में बांग्लादेश का कनेक्शन

Delhi Blast:दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट केस की जांच में एक और बड़ा मोड़ आया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को पुलवामा निवासी डॉ. मुजम्मिल शकील गनी की बहन डॉ. असमत शकील को हिरासत में लिया है। 30 वर्षीय असमत ने जनवरी 2025 में बांग्लादेश से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी। उनके पिता शकील अहमद गनई पुलवामा के रहने वाले हैं।डॉ. मुजम्मिल को पहले ही जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवत-उल-हिंद (AGuH) से जुड़े आतंकी मॉड्यूल में गिरफ्तार किया जा चुका है।

Delhi Blast: 26 जनवरी को हमले की थी साजिश?

जांच एजेंसियों के अनुसार, दिल्ली में हुई कार ब्लास्ट की जांच के दौरान डॉ. मुजम्मिल के मोबाइल फोन डेटा की पड़ताल में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। डेटा से पता चला कि उसने इस साल जनवरी 2025 में लाल किला क्षेत्र की कई बार रेकी की थी।पुलिस को शक है कि वह 26 जनवरी के अवसर पर लाल किला को निशाना बनाना चाहता था, लेकिन उस समय सुरक्षा व्यवस्था और गहन गश्त के कारण साजिश विफल हो गई। जांच में यह भी सामने आया कि मुजम्मिल के कई संपर्क विदेशी आतंकी संगठनों से थे।

Delhi Blast: आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़

दिल्ली धमाके से कुछ ही घंटे पहले पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया था। इस कार्रवाई में तीन डॉक्टरों सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया।पुलिस ने जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में छापेमारी कर लगभग 2,500 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम क्लोरेट और सल्फर बरामद किया। माना जा रहा है कि यही विस्फोटक दिल्ली ब्लास्ट में इस्तेमाल किए गए थे।

लाल किला क्षेत्र में हुई थी विस्फोटक घटना

दिल्ली के लाल किला क्षेत्र के पास चलती कार में हुए धमाके में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई घायल हैं। जांच एजेंसियों का कहना है कि जिस कार में विस्फोट हुआ, उसे डॉ. उमर नबी चला रहा था, जो अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था।पुलिस के अनुसार, उमर नबी और मुजम्मिल ने मिलकर सुरक्षा व्यवस्था और भीड़भाड़ वाले इलाकों की टोह लेने के लिए कई बार लाल किले का दौरा किया था।

तकनीकी सबूतों से खुली साजिश की परतें

पुलिस ने टावर लोकेशन डेटा और सीसीटीवी फुटेज के जरिए दोनों आरोपियों की गतिविधियों की पुष्टि की है। लाल किले के आसपास पाए गए सर्विलांस वीडियो में उन्हें संदिग्ध तरीके से घूमते हुए देखा गया था। इन सबूतों के आधार पर ही डॉ. असमत शकील से भी पूछताछ की जा रही है ताकि मॉड्यूल की पूरी संरचना और वित्तीय स्रोतों का पता लगाया जा सके।जम्मू-कश्मीर पुलिस और दिल्ली पुलिस की विशेष सेल संयुक्त रूप से इस आतंकी नेटवर्क की जांच कर रही हैं। एजेंसियों का मानना है कि मॉड्यूल का एक हिस्सा विदेश से फंडिंग प्राप्त कर रहा था। जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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