Delhi Car Blast: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अपने दो दिवसीय भूटान दौरे के लिए राजधानी थिम्फू पहुंचे, जहां पारो एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया। भूटान सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों ने परंपरागत तरीके से प्रधानमंत्री का स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी 11 से 12 नवंबर तक भूटान में रहेंगे। यह यात्रा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
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PM मोदी ने दिल्ली विस्फोट पर जताया शोक
भूटान में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में हुए धमाके पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वह ‘बहुत भारी मन’ से भूटान पहुंचे हैं क्योंकि दिल्ली में रविवार शाम हुए विस्फोट ने पूरे देश को झकझोर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं पीड़ित परिवारों के दुख को समझता हूं। पूरा देश इस कठिन समय में उनके साथ खड़ा है। जो भी इस कृत्य के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा।”
उन्होंने बताया कि वह लगातार सभी सुरक्षा एजेंसियों और संबंधित अधिकारियों के संपर्क में हैं। जांच की प्रगति पर पूरी रात विचार-विमर्श चलता रहा और एजेंसियां इस षड्यंत्र की तह तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं।
भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने किया स्वागत
थिम्फू के पारो एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा संदेश में लिखा कि पूरे भूटान के लोग भारत के प्रधानमंत्री का स्वागत कर गर्व महसूस कर रहे हैं। तोबगे ने पीएम मोदी को ‘बड़ा भाई’ बताते हुए कहा कि इस दौरे से भारत–भूटान मैत्री को नई ऊर्जा मिलेगी।
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नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी को बताया महत्वपूर्ण स्तंभ
दौरे पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि यह यात्रा दोनों देशों के गहरे और ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करेगी। उन्होंने कहा कि भारत-भूटान साझेदारी उनकी “नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी” का एक प्रमुख हिस्सा है, जो पड़ोसी देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों का उदाहरण प्रस्तुत करती है। पीएम मोदी के अनुसार, यह दौरा द्विपक्षीय सहयोग में नई गति लाने वाला साबित होगा।
पुनात्सांगछू-II हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का होगा संयुक्त उद्घाटन
भूटान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी, भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे के साथ उच्च स्तरीय बैठकें करेंगे। दोनों देश मिलकर 1020 मेगावाट के पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन करेंगे, जिसे भारत और भूटान की दीर्घकालिक ऊर्जा साझेदारी का प्रतीक माना जा रहा है।
विदेश मंत्रालय (MEA) ने अपने बयान में बताया कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग को और सुदृढ़ करना है। विशेष रूप से यह दौरा उस समय हो रहा है जब भारत से भेजे गए भगवान बुद्ध के पिपरहवा अवशेष भूटान में प्रदर्शित किए जा रहे हैं, जो सांस्कृतिक संबंधों को गहरा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

