दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ आया है जब रेखा गुप्ता ने गुरुवार को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। रेखा गुप्ता का मुख्यमंत्री बनना भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए एक बड़ा राजनीतिक कदम है, क्योंकि इससे पहले यह चर्चा थी कि नई दिल्ली विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल को हराने वाले भाजपा नेता परवेश वर्मा को सीएम बनाया जाएगा। हालांकि भाजपा ने सबको चौंकाते हुए रेखा गुप्ता को दिल्ली की कमान सौंप दी।
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क्या है रेखा गुप्ता और परवेश वर्मा गहरा कनेक्शन?
दिलचस्प बात यह है कि रेखा गुप्ता और परवेश वर्मा दोनों का शालीमार बाग से गहरा कनेक्शन है। शालीमार बाग से 1996 में विधायक साहिब सिंह वर्मा दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे, और अब रेखा गुप्ता शालीमार बाग से दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने वाली दूसरी नेता बन गई हैं। यह विधानसभा क्षेत्र, जो दिल्ली की प्रमुख सीटों में गिना जाता है, फिर से एक मुख्यमंत्री को जन्म देने में सफल रहा है।
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दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री
रेखा गुप्ता ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार बंदना कुमारी को 29,595 मतों के अंतर से हराया था, और इसके साथ ही वह भाजपा की तरफ से शालीमार बाग से पहली बार विधायक चुनी गईं। रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री हैं, इससे पहले सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी ने मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली थी। यह भाजपा के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि उसने 27 साल बाद दिल्ली में सत्ता में वापसी की है, जिससे दिल्ली की राजनीति में एक नई दिशा देखने को मिल सकती है।

छह और विधायकों मंत्री पद
रेखा गुप्ता के साथ छह और विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। इनमें प्रमुख नामों में परवेश वर्मा, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंदर इंद्राज सिंह, कपिल मिश्रा और पंकज कुमार सिंह शामिल हैं। यह कदम दिल्ली की राजनीति में नए बदलाव और भाजपा की मजबूती को दर्शाता है। दिल्ली में भाजपा की वापसी और रेखा गुप्ता का मुख्यमंत्री बनना आने वाले दिनों में कई नए राजनीतिक परिदृश्यों को जन्म दे सकता है।