Delhi NCR Murder: दिल्ली और हरियाणा के पुलिस तंत्र को झकझोर देने वाला एक और “सोनम रघुवंशी” जैसा केस सामने आया है, जिसमें पत्नी ने प्रेमी संग मिलकर अपने पति को मौत के घाट उतार दिया। राजा रघुवंशी की तरह ही इस मामले में प्रीतम प्रकाश की हत्या हुई, और उसका शव एक नाले से बरामद किया गया। मामले में सोनिया को गिरफ्तार किया गया है, जबकि हत्या की साजिश में शामिल प्रेमी रोहित और सुपारी किलर विजय भी पुलिस की गिरफ्त में हैं।
गुमशुदगी से हत्या तक
प्रीतम के लापता होने की शिकायत उसकी पत्नी सोनिया ने 20 जुलाई 2024 को दर्ज कराई थी। लेकिन जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, सच्चाई खुलती गई। क्राइम ब्रांच ने प्रीतम के फोन की लोकेशन ट्रेस की, जो रोहित के पास मिला—यही वो कड़ी थी, जिससे हत्या की गुत्थी सुलझी।
प्रीतम के फोन से खुली पोल
जब रोहित से पूछताछ की गई तो उसने पहले भ्रम फैलाने की कोशिश की, लेकिन सख्ती से पूछे जाने पर उसने सोनिया के साथ अवैध संबंध और हत्या की साजिश का खुलासा कर दिया। उसने माना कि सोनिया ने पति की हत्या की सुपारी दी थी और हत्या के बाद फोन उसे सौंपा गया था।
सोनिया की कबूलनामा
सबूतों के दबाव में सोनिया भी टूट गई। उसने स्वीकार किया कि उसके पति प्रीतम का अपराधिक इतिहास था और उसने अपने प्रेमी रोहित के जरिए उसकी हत्या करवाने की योजना बनाई। रोहित ने कहा कि वह अकेले प्रीतम को नहीं मार सकता, इसलिए उसे 6 लाख रुपये की जरूरत होगी। सोनिया ने विजय नामक व्यक्ति को 1 लाख की सुपारी दी और योजना को अंजाम दिया गया।
हत्या के बाद बनी मासूम बीवी
प्रीतम की हत्या के बाद सोनिया ने गुमशुदगी की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई और 4.5 लाख रुपये में उसका तिपहिया वाहन बेच दिया। इससे मिले पैसों में से 2.8 लाख उसने रोहित को दिए और 50 हजार विजय को। खुद के कर्ज चुकाए और सामान्य जीवन की एक्टिंग करती रही।
एक फोन कॉल से खुला राज
इस पूरे मामले की चाबी बना वही मोबाइल फोन जिसे सोनिया ने रोहित को नष्ट करने के लिए दिया था। लेकिन उसने उसे नष्ट करने की बजाय इस्तेमाल करना शुरू कर दिया, जिससे पुलिस तक उसकी लोकेशन और गतिविधियां पहुंचीं। विजय, जो पहले से जेल में बंद है, उसे जून 2025 में चोरी के केस में पकड़ा गया था। फोरेंसिक टीम ने जुलाई 2024 में शव से लिए डीएनए सैंपल को सुरक्षित रखा है और मामले की जांच आगे बढ़ रही है।
इस लोमहर्षक हत्याकांड ने एक बार फिर रिश्तों की सीमाओं और लालच की भयावहता को उजागर कर दिया है। “प्यार के लिए पति का खून” जैसे मामलों में कानून की पैनी नजर और टेक्नोलॉजी की मदद से अपराधी ज्यादा दिनों तक छुप नहीं सकते। दिल्ली-हरियाणा की पुलिस की सटीक कार्रवाई ने एक साल पुराने मामले को सुलझा कर इंसाफ की राह मजबूत की है।