Delhi News: दिल्ली में हाल ही में हुए BMW हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और जिम्मेदारी के मुद्दे पर सवाल खड़े कर दिया है। इस हादसे में वित्त मंत्रालय के अधिकारी नवजोत सिंह की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी संदीप कौर गंभीर रूप से घायल हुई। पुलिस ने मुख्य आरोपी गगनप्रीत कौर को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन अब उनके पति परीक्षित मक्कड़ के बयान ने मामले में नई कहानी सामने ला दी है।
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पति का दावा…
शुरुआत में यह जानकारी सामने आई थी कि नवजोत और उनकी पत्नी को एक वैन में अस्पताल ले जाया गया था। वैन के ड्राइवर ने भी इस बात की पुष्टि की थी। लेकिन अब गगनप्रीत के पति परीक्षित मक्कड़ का कहना है कि उनके अनुसार नवजोत और उनकी पत्नी को टैक्सी के माध्यम से अस्पताल ले जाया गया। परीक्षित खुद दूसरी टैक्सी में पीछे-पीछे गए थे। उन्होंने पुलिस को बयान में बताया कि उन्हें दुर्घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
परीक्षित ने कहा कि टक्कर के बाद उनकी पत्नी गगनप्रीत ने उनसे कहा कि वह नवजोत और उनकी पत्नी को अस्पताल ले जा रही हैं और वह खुद पीछे दूसरी टैक्सी से उनके साथ गए। इसके बाद गगनप्रीत ने अपने पिता को फोन किया, जो बाद में अस्पताल पहुंचे। पुलिस अब उनके इस बयान की जांच कर रही है और कॉल डिटेल्स तथा लोकेशन डेटा की पड़ताल कर रही है।
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हादसा कैसे हुआ?

आर्थिक मामलों के विभाग में उप सचिव नवजोत सिंह (52 वर्ष) अपनी मोटरसाइकिल से रविवार दोपहर को जा रहे थे, तभी एक BMW कार ने टक्कर मार दी। नवजोत और उनकी पत्नी संदीप कौर बंगला साहिब गुरुद्वारे से लौट रहे थे। इस टक्कर में नवजोत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हुई। संदीप कौर ने पुलिस को बयान में कहा कि उन्होंने गगनप्रीत कौर और उसके पति परीक्षित से बार-बार विनती की कि वे नवजोत को नजदीकी अस्पताल ले जाएं, क्योंकि उनकी हालत गंभीर थी।
हालांकि, उनके अनुसार उन्हें दुर्घटना स्थल से 19 किलोमीटर से अधिक दूर स्थित न्यूलाइफ अस्पताल ले जाया गया। इस मामले में पुलिस ने संदीप कौर के बयान के आधार पर अस्पताल पहुंचाने के तरीके और समय की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, हादसे के बाद गगनप्रीत और उनके पति परीक्षित के बयान अलग-अलग हैं। पुलिस अब कॉल डिटेल्स, GPS लोकेशन डेटा और अस्पताल पहुंचने के समय की जांच कर रही है। इसके अलावा, पुलिस यह भी पता लगाने में लगी है कि हादसे के तुरंत बाद किसने प्राथमिक मदद की और किस माध्यम से पीड़ितों को अस्पताल ले जाया गया। इसका उद्देश्य यह तय करना है कि दुर्घटना के बाद किसी तरह की लापरवाही हुई या नहीं।
