Delhi Pollution: दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार को भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। हालांकि प्रदूषण स्तर में मामूली गिरावट आई, लेकिन औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) अब भी 305 पर बना रहा। यह स्थिति राजधानी के लिए गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि लगातार 16 दिनों से हवा की गुणवत्ता खतरनाक दायरे में बनी हुई है।
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प्रदूषण में गिरावट के कारण

अधिकारियों के अनुसार, हवा की दिशा और गति में बदलाव तथा पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में कमी से प्रदूषण स्तर में थोड़ी राहत मिली है। तेज हवाओं ने प्रदूषकों को फैलाने में मदद की, जिससे AQI में हल्की गिरावट दर्ज की गई।
विशेषज्ञों की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों तक वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में ही रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि हवा की गति तेज रहने के कारण AQI अगले दो दिनों तक ‘गंभीर’ श्रेणी में नहीं पहुंचेगा, लेकिन स्थिति अब भी चिंताजनक बनी रहेगी।
लगातार बिगड़ती स्थिति
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का औसत AQI शनिवार को 305 रहा। इससे पहले शुक्रवार को यह 369, गुरुवार को 377, बुधवार को 327, मंगलवार को 352 और सोमवार को 382 दर्ज किया गया था। यह दर्शाता है कि राजधानी की हवा लगातार ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है।
AQI श्रेणियां और स्थिति
CPCB के मानकों के अनुसार:
0 से 50: ‘अच्छा’
51 से 100: ‘संतोषजनक’
101 से 200: ‘मध्यम’
201 से 300: ‘खराब’
301 से 400: ‘बहुत खराब’
401 से 500: ‘गंभीर’
शनिवार को दिल्ली के 38 सक्रिय निगरानी स्टेशनों में से किसी ने भी AQI को ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज नहीं किया। हालांकि, एक दिन पहले आठ स्टेशनों ने ‘गंभीर’ स्तर दिखाया था।
पूर्वानुमान और चेतावनी
वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने अनुमान लगाया है कि आगामी सप्ताह में दिल्ली का AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में ही रहेगा। शनिवार को दोपहर से शाम तक उत्तर-पश्चिम दिशा से 15 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलीं, जिससे प्रदूषण का स्तर थोड़ा नियंत्रित हुआ।
निगरानी स्टेशनों का डेटा
CPCB के अनुसार, दिल्ली के 38 निगरानी स्टेशनों में से:
15 ने AQI को ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया
1 ने ‘मध्यम’ श्रेणी में दर्ज किया
शेष स्टेशनों ने ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया
प्रदूषण के स्रोत

भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे की निर्णय सहायता प्रणाली ने अनुमान लगाया कि शनिवार को दिल्ली के कुल प्रदूषण में वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन का योगदान लगभग 18.7 प्रतिशत रहा। यह आंकड़ा दर्शाता है कि परिवहन व्यवस्था प्रदूषण का बड़ा कारण बनी हुई है।
