Delhi Pollution: लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस गंभीर मुद्दे पर संसद के शीतकालीन सत्र में विस्तृत चर्चा होना चाहिए, जो एक दिसंबर, 2025 से शुरू हो रहा है। राहुल गांधी ने मोदी सरकार से मांग की कि प्रदूषण से निपटने के लिए एक ठोस और व्यावहारिक कार्य योजना पेश की जाए।
Delhi Pollution: संसद में चर्चा की मांग और मोदी सरकार पर सवाल
राहुल गांधी ने कहा कि दिल्ली की हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि बच्चों का स्वास्थ्य गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है। उन्होंने प्रश्न किया कि मोदी सरकार इस स्वास्थ्य संकट पर तत्परता और जवाबदेही क्यों नहीं दिखा रही। उनके अनुसार, भारत को वायु प्रदूषण पर तत्काल, गंभीर और व्यावहारिक कदम उठाने की आवश्यकता है।राहुल ने जोर देकर कहा, “हमारे बच्चे स्वच्छ हवा के हकदार हैं, बहानेबाजी और ध्यान भटकाने के लिए नहीं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ एक पर्यावरणीय मुद्दा नहीं है, बल्कि एक स्वास्थ्य आपातकाल है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
Delhi Pollution: वॉरियर मॉम्स के साथ संवाद
इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने ‘वॉरियर मॉम्स: मदर्स ऑफ क्लीन एयर’ संस्था की महिलाओं के साथ संवाद किया। उन्होंने इस बातचीत का वीडियो अपने व्हाट्सएप चैनल पर साझा किया। महिलाओं ने इस दौरान अपने बच्चों की सेहत और बढ़ते प्रदूषण के प्रति चिंता जताई।राहुल गांधी ने कहा, “मैं जिस भी मां से मिलता हूं, वह मुझसे कहती है कि उसका बच्चा जहरीली हवा में सांस ले रहा है। मांएं थकी हुई, डरी हुई और गुस्से में हैं।” उन्होंने मोदी सरकार पर यह सवाल उठाया कि वह बच्चों के दम घुटने के इस संकट को देखते हुए क्यों चुप बैठी है।
बच्चों का दर्द सबसे गहरी चोट की तरह मांओं के दिल में उतरता है।
दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ लड़ रहीं ऐसी ही कुछ साहसी मांओं से मिला – वे अपने ही नहीं, पूरे देश के बच्चों के भविष्य को लेकर डरी हुई हैं।
जहरीली हवा से छोटे-छोटे बच्चे फेफड़ों, दिल और मानसिक बीमारियों का शिकार हो रहे… pic.twitter.com/TrO7f58qPt
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 28, 2025
प्रदूषण का प्रभाव सभी पर पड़ रहा है
एक अन्य वीडियो में राहुल गांधी ने कहा कि वायु प्रदूषण से हर कोई प्रभावित है, चाहे वह सबसे गरीब व्यक्ति हो या सबसे अमीर। उन्होंने बताया कि प्रदूषण पैदा करने वाली वाणिज्यिक इकाइयों के पास राजनीतिक शक्ति है, जबकि औसत नागरिक संगठित नहीं है और उनके पास कोई प्रभाव नहीं है।उन्होंने कहा, “अगर आपके पास 500 से 1,000 वाणिज्यिक इकाइयां हैं, जो दिल्ली को प्रदूषित कर रही हैं, तो उनके पास राजनीतिक शक्ति है। आम नागरिक पूरी तरह असंगठित हैं और उनके पास कोई राजनीतिक शक्ति नहीं है।”
Every mother I meet tells me the same thing: her child is growing up breathing toxic air. They are exhausted, scared and angry.
Modi ji, India’s children are choking in front of us. How can you stay silent? Why does your government show no urgency, no plan, no accountability?… pic.twitter.com/HR87tlHQ1f
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 28, 2025
प्रदूषण से निपटने में असमानता
राहुल गांधी ने महिलाओं से कहा कि कुछ लोगों के पास प्रदूषण से बचाव के विकल्प हैं, जैसे डॉक्टर के पास जाना, लेकिन भारत में कई लोग ऐसे हैं जिनके पास यह विकल्प भी नहीं है। उनका कहना था कि यह समस्या सिर्फ दिल्ली या अमीरों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश की जनता को प्रभावित कर रही है।उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर सक्रिय होकर सभी वर्गों के लिए उपाय करना चाहिए, न कि केवल बहाने बनाना और ध्यान भटकाना।राहुल गांधी का यह संदेश साफ था कि वायु प्रदूषण को नजरअंदाज करना अब असंभव है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तत्काल और व्यावहारिक कदम उठाने की मांग की, ताकि बच्चों और आम नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा की जा सके।
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