दिल्ली के मॉडल टाउन में पुनीत खुराना की आत्महत्या का मामला अत्यंत गंभीर और चिंताजनक है। इस घटना ने समाज को एक बार फिर घरेलू हिंसा, मानसिक उत्पीड़न, तलाक और परिवारिक विवादों के खतरनाक पहलुओं पर सोचने पर मजबूर कर दिया है। पुनीत द्वारा छोड़ा गया वीडियो और उसके परिवार के आरोप इस मामले को और भी जटिल बनाते हैं, और इसे लेकर लोगों में गहरी चिंता और सवाल उठ रहे हैं।
घरेलू समस्याओं का मानसिक प्रभाव
पुनीत खुराना के परिवार के अनुसार, वह अपनी पत्नी मनिका पाहवा से मानसिक उत्पीड़न का शिकार था। दोनों के बीच तलाक की प्रक्रिया चल रही थी, जिससे वह मानसिक तनाव और दबाव का सामना कर रहा था। तलाक के मामलों में अक्सर संपत्ति, बच्चों की कस्टडी, और अन्य व्यक्तिगत मुद्दों के कारण तनाव बढ़ जाता है, जो मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। पुनीत ने इस तनाव का जिक्र अपनी वीडियो रिकॉर्डिंग में किया था, जिसमें उसने अपनी समस्याओं और उत्पीड़न के बारे में खुलकर बात की थी।
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वीडियो और सुसाइड नोट
पुनीत के द्वारा छोड़ा गया वीडियो और सुसाइड नोट एक बहुत ही गंभीर संकेत हैं। वीडियो में पुनीत ने आत्महत्या से पहले अपनी पत्नी और परिवार पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। यह वीडियो उस मानसिक और भावनात्मक स्थिति को दर्शाता है, जिसमें वह आत्महत्या के निर्णय तक पहुंचा था। इस प्रकार के वीडियो और नोट पीड़ित के दर्द और विवशता को सामने लाते हैं, और यह समाज के लिए एक चेतावनी है कि मानसिक स्वास्थ्य और घरेलू हिंसा के मामलों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
अतुल सुभाष केस से समानताएं
बेंगलुरू के एआई इंजीनियर अतुल सुभाष का आत्महत्या का मामला भी इस मामले से बहुत मिलता-जुलता है। अतुल ने अपनी पत्नी और उसके परिवार पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए 24 पन्नों का सुसाइड नोट और 1 घंटे 2 मिनट का वीडियो शेयर किया था, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यह मामला भी घरेलू हिंसा और मानसिक उत्पीड़न के खतरनाक परिणामों की ओर इशारा करता है। अतुल की पत्नी और उसके परिवार के सदस्य गिरफ्तार किए गए थे, और यह केस देशभर में चर्चित हुआ।

