Delhi traffic rules: दिल्ली में यातायात के नियमों को तोड़ने वालो के लिए दिल्ली यातायात पुलिस ने एक नया और अत्याधुनिक तकनीकी उपकरण अपनाया है। यह 360 डिग्री घूमने वाला एआई-संचालित 4D रडार-इंटरसेप्टर है, जो खासतौर पर ओवरस्पीडिंग, बिना सीट बेल्ट लगाए वाहन चलाने, और मोबाइल फोन का उपयोग करने जैसे यातायात उल्लंघनों की पहचान करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह तकनीक बिना किसी मानव हस्तक्षेप के काम करती है और यातायात उल्लंघन करने वालों के खिलाफ स्वचालित रूप से ई-चालान जारी करती है।
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क्या है ANPR?

इस नए उपकरण में एक स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (ANPR) कैमरा भी लगाया गया है, जो पूरी 360 डिग्री घूमने में सक्षम है। यह कैमरा एक साथ कई वाहनों की पहचान कर सकता है और रडार सिस्टम के जरिए वाहनों की गति को ट्रैक कर सकता है, जिससे ओवरस्पीडिंग जैसी घटनाओं का तुरंत पता चल सकता है। इस तकनीक के जरिए यातायात उल्लंघनों पर सख्ती से नज़र रखी जा सकती है, जिससे सड़क सुरक्षा में सुधार हो सकेगा।
तीन चालान हुआ तो…ड्राइविंग लाइसेंस भी निलंबित
दिल्ली यातायात पुलिस का यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के आंकड़ों के मुताबिक चालान वसूली दर बहुत कम रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, ई-चालान के जरिए केवल 40 प्रतिशत चालान राशि ही वसूली जा सकी है। इस समस्या को हल करने के लिए सरकार ने एक नई नीति अपनाई है, जिसके तहत अगर किसी चालान का भुगतान तीन महीने से अधिक समय तक लंबित रहता है, तो संबंधित व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है। इसके अलावा, अगर किसी वित्तीय वर्ष में किसी चालक के तीन चालान हो जाते हैं, तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी निलंबित हो सकता है।
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बीमा प्रीमियम का भुगतान
नई नीति के अनुसार, यदि किसी चालक का चालान तीन महीने से अधिक समय तक बकाया रहता है, तो उसका लाइसेंस निलंबित कर दिया जाएगा। साथ ही, अगर किसी चालक के पास दो या दो से अधिक चालान होते हैं, तो उसे उच्च बीमा प्रीमियम का भुगतान करना पड़ सकता है। यह कदम चालान वसूली दर में सुधार लाने के लिए उठाया गया है।

गलत या देर से चालान मिलने पर SOP होगा लागू
दिल्ली में चालान वसूली की दर सबसे कम, केवल 14 प्रतिशत है, जबकि कर्नाटका में यह दर 21 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 27 प्रतिशत और महाराष्ट्र तथा हरियाणा में यह क्रमश, 62 और 76 प्रतिशत है। इसके अलावा, वाहन मालिकों को लंबित चालानों के बारे में हर महीने अलर्ट भेजे जाएंगे, ताकि वे समय पर भुगतान कर सकें। अगर किसी चालक को गलत चालान या देर से चालान का अलर्ट मिलता है, तो उसका समाधान करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) लागू की जाएगी।