Delhi: महिलाएं भी कर सकेंगी अब दुकानों, कंपनियों में नाइट शिफ्ट, CM रेखा गुप्ता ने जारी की अधिसूचना

दिल्ली सरकार ने महिलाओं को दुकानों और व्यावसायिक स्थानों पर नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दी है। इसके लिए सुरक्षा, ट्रांसपोर्ट और CCTV की व्यवस्था अनिवार्य होगी। महिला की सहमति जरूरी है और कार्य समय 9 घंटे प्रतिदिन या 48 घंटे प्रति सप्ताह से अधिक नहीं होगा।

Nivedita Kasaudhan
Delhi
Delhi

Delhi: दिल्ली सरकार ने महिलाओं को दुकानों और कमर्शियल प्रतिष्ठानों में नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दे दी है। इस फैसले को उपराज्यपाल द्वारा जारी नोटिफिकेशन के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया है, जिससे दिल्ली दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम, 1954 में जरूरी संशोधन किए गए हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जुलाई में इस प्रस्ताव की घोषणा की थी, जिसे अब श्रम विभाग ने अधिसूचित कर दिया है।

Read more: Kurnool Bus Fire Inside Story: बाइक की एक चूक, 20 जिंदगियां खाक! कुरनूल हादसे की पूरी सच्चाई

शराब की दुकानों को छोड़कर सभी स्थानों पर काम की अनुमति

Delhi
Delhi

इस नए आदेश के तहत, शराब की दुकानों को छोड़कर सभी दुकानें और कमर्शियल स्थान अब महिलाओं को रात के समय काम पर रख सकते हैं। हालांकि, इसके लिए सुरक्षा, कल्याण और श्रम कानूनों की सभी शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा। नोटिफिकेशन में साफ किया गया है कि किसी भी कर्मचारी से एक दिन में 9 घंटे या हफ्ते में 48 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जा सकता। साथ ही, बिना ब्रेक के 5 घंटे से अधिक लगातार काम करने पर भी रोक लगाई गई है।

महिलाओं को केवल नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। उनकी लिखित सहमति लेना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, नाइट शिफ्ट में काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए सुरक्षित ट्रांसपोर्ट, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम और सीसीटीवी कवरेज सुनिश्चित करना मालिकों की जिम्मेदारी होगी। सीसीटीवी फुटेज को कम से कम एक महीने तक सुरक्षित रखना होगा और आवश्यकता पड़ने पर अधिकारियों को दिखाना होगा।

ओवरटाइम और छुट्टियों पर मिलेगा दोगुना वेतन

नए नियमों के तहत, ओवरटाइम करने वाले कर्मचारियों को सामान्य वेतन से दोगुना भुगतान मिलेगा। राष्ट्रीय छुट्टियों पर काम करने वालों को भी दोगुना वेतन दिया जाएगा और इसके बदले छुट्टी भी दी जानी चाहिए। मालिकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी कर्मचारियों को प्रोविडेंट फंड (PF), कर्मचारी राज्य बीमा (ESI), बोनस और छुट्टी जैसे लाभ मिलें।

हर संस्थान को महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत एक आंतरिक शिकायत समिति (ICC) का गठन करना अनिवार्य होगा। यह समिति कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा और शिकायतों के निवारण के लिए जरूरी होगी।

रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया

Delhi
Delhi

सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि नोटिफिकेशन की एक कॉपी हर दुकान या ऑफिस के प्रवेश मार्ग पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की जाए। जो संस्थान अधिनियम की धारा 14, 15 या 16 के तहत छूट चाहते हैं, उन्हें रजिस्ट्रेशन नंबर, बिजनेस का प्रकार और कर्मचारियों की संख्या जैसी जानकारी लेबर डिपार्टमेंट को ऑनलाइन जमा करनी होगी। साथ ही, सभी शर्तों का पालन करने का शपथ पत्र भी देना अनिवार्य होगा।

Read more: Piyush Pandey Passed Away: भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज पीयूष पांडे का निधन, देशभर में शोक की लहर

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version