Delhi AQI: देश की राजधानी दिल्ली इन दिनों गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में है। दिवाली के बाद से हवा में जहरीले तत्वों की मात्रा बढ़ गई है, जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी और आंखों में जलन जैसी समस्याएं हो रही हैं। 24 अक्टूबर की सुबह दिल्ली के कई इलाकों में घना धुंध छाया रहा और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। इसी बीच दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम बारिश की तैयारी।
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दिल्ली के इलाकों में AQI बेहद खराब

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, 24 अक्टूबर को अक्षरधाम और आसपास के क्षेत्रों में AQI 403 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। अन्य इलाकों में भी स्थिति चिंताजनक रही, शादीपुर में 306, पंजाबी बाग में 313, वजीरपुर में 337, जहांगीरपुरी में 350 और रोहिणी में 319। नोएडा के कई हिस्सों में AQI 270 से 290 के बीच रहा। 23 अक्टूबर को दिल्ली का औसत AQI 305 रहा, जबकि आनंद विहार में सबसे अधिक 410 रिकॉर्ड किया गया।
देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल दिल्ली
CPCB के आंकड़ों के अनुसार, 23 अक्टूबर को दिल्ली देश का पांचवां सबसे प्रदूषित शहर रहा। हरियाणा का बहादुरगढ़ 325 AQI के साथ पहले स्थान पर रहा। दिल्ली के 38 निगरानी केंद्रों में से 23 ने “बहुत खराब” श्रेणी में वायु गुणवत्ता दर्ज की। एनसीआर के शहरों जैसे गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में AQI थोड़ा बेहतर रहा, लेकिन फिर भी चिंताजनक स्तर पर बना रहा।
पराली, पटाखे और मौसम बने प्रदूषण के कारण
CPCB की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में 69, हरियाणा में 3 और उत्तर प्रदेश में 44 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गईं। इनसे उठने वाला धुआं दिल्ली की हवा को और जहरीला बना रहा है। साथ ही दिवाली की रात हुई भारी आतिशबाजी ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। मौसम विभाग ने 24 अक्टूबर को अधिकतम तापमान 32 और न्यूनतम 18 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना जताई है, साथ ही धुंध बने रहने की चेतावनी दी है।
पहली बार क्लाउड सीडिंग से कृत्रिम बारिश की तैयारी

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए क्लाउड सीडिंग तकनीक का सहारा लिया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की कि बुराड़ी क्षेत्र में इसका सफल परीक्षण किया गया है। मौसम विभाग ने 28 से 30 अक्टूबर तक बादल छाए रहने की संभावना जताई है। यदि मौसम अनुकूल रहा, तो 29 अक्टूबर को दिल्ली पहली बार कृत्रिम बारिश का अनुभव करेगी।
सरकार का कहना है कि यह पहल तकनीकी दृष्टि से ऐतिहासिक होगी और प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक बड़ा वैज्ञानिक कदम साबित होगी। इससे न केवल हवा की गुणवत्ता सुधरेगी, बल्कि पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।

