RSS Ban Demand: कर्नाटक में RSS पर बैन की मांग से बढ़ा सियासी पारा, प्रियांक खड़गे के पत्र पर BJP का तीखा हमला

कर्नाटक में कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे द्वारा RSS पर बैन की मांग ने सियासी विवाद भड़का दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर संगठन को असंवैधानिक गतिविधियों का आरोप लगाते हुए रोकने की मांग की। BJP ने पलटवार करते हुए इसे राष्ट्रवादी संगठन बताया और कांग्रेस पर राजनीतिक द्वेष का आरोप लगाया।

Chandan Das
RSSS

RSS Ban Demand:  कर्नाटक की राजनीति में उस समय हलचल मच गई जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और विधायक प्रियांक खड़गे ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को राज्य में प्रतिबंधित करने की मांग की। प्रियंक का आरोप है कि RSS “असंवैधानिक गतिविधियों” में लिप्त है और देश की एकता एवं अखंडता के लिए खतरा बन चुका है।

क्या लिखा गया है पत्र में?

प्रियांक खड़गे ने अपने पत्र में कहा है कि RSS को सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों, सरकारी भवनों और खुले मैदानों में किसी भी तरह की सभा या गतिविधि की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संघ के कार्यकर्ता बिना पुलिस अनुमति के लाठी-ड्रिल और अनुशासनात्मक अभ्यास करते हैं, जिससे समाज में डर और वैमनस्यता का माहौल बनता है।उनका कहना है कि RSS की विचारधारा देश के युवाओं और बच्चों के मन में घृणा का बीज बोती है, और ऐसी गतिविधियां लोकतंत्र के लिए खतरा हैं।

सरकार ने बढ़ाई सक्रियता

सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने यह पत्र मिलने के बाद इसे राज्य की मुख्य सचिव शालिनी रजनिश को भेज दिया है और संबंधित जानकारी एकत्र करने और जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

BJP का पलटवार: “RSS को समझें पहले प्रियंक”

कर्नाटक BJP अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कांग्रेस और प्रियांक खड़गे पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि प्रियांक को RSS का इतिहास और योगदान समझना चाहिए, न कि केवल राजनीतिक द्वेष के चलते ऐसे आरोप लगाने चाहिए। विजयेंद्र ने याद दिलाया कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान संघ पर लगा प्रतिबंध कुछ ही महीनों में हटा लिया गया था और 1963 की गणतंत्र दिवस परेड में संघ ने हिस्सा भी लिया था।

“बढ़ती लोकप्रियता से घबरा गई है कांग्रेस”

BJP का दावा है कि कांग्रेस कर्नाटक में RSS की बढ़ती लोकप्रियता से घबराई हुई है, इसलिए अब प्रतिबंध जैसे अलोकतांत्रिक कदमों की बात कर रही है। विजयेंद्र ने कहा, “RSS ने हमेशा राष्ट्र सेवा और सामाजिक एकता के लिए काम किया है। उनके खिलाफ ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जिससे साबित हो कि वे शांति भंग करते हैं।”कर्नाटक में RSS पर बैन की मांग से राज्य की राजनीति गर्मा गई है। जहां एक ओर कांग्रेस इस संगठन को असंवैधानिक और समाज विरोधी मान रही है, वहीं BJP इसे राष्ट्रवादी और अनुशासित संगठन बताकर उसका बचाव कर रही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा राज्य में राजनीतिक ध्रुवीकरण को और तेज कर सकता है।

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