Dev Deepawali 2025: विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली (Dev Deepawali) एक बार फिर काशी की रौनक को चार चांद लगाने के लिए तैयार है। इस वर्ष यह दिव्य उत्सव 5 नवंबर 2025 को कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाएगा। यह पर्व दिवाली के ठीक 15 दिन बाद पड़ता है और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन सभी देवी-देवता स्वयं काशी में उतरकर दीपावली मनाते हैं। बनारस के घाटों पर जलने वाले लाखों दीपों की चमक इस रात को स्वर्गिक बना देती है।
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पर्यटन को नया आयाम देगा देव दीपावली का आयोजन

बताते चले कि, काशी के पर्यटन उद्योग के लिए देव दीपावली (Dev Deepawali) वर्ष का सबसे बड़ा आयोजन है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद इस त्योहार का महत्व और बढ़ गया है, जिसके चलते देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। इस आयोजन का सीधा लाभ होटल व्यवसायियों, मल्लाहों और स्थानीय दुकानदारों को मिलता है। इस बार भी घाटों पर दीप जलाने और श्रद्धालुओं की आमद से शहर की अर्थव्यवस्था में करोड़ों रुपये का संचार होगा।
एक करोड़ दीपों से जगमगाएगी काशी नगरी
आपको बता दे कि, पर्यटन विभाग ने इस वर्ष 10 लाख दीप जलाने का लक्ष्य रखा है, जिनमें से 7 लाख दीप घाटों पर और 3 लाख दीप गंगा पार की रेत पर जलाए जाएंगे। इसके अलावा, सभी 84 घाटों की पूजा समितियां और सांस्कृतिक संस्थाएं मिलकर 15 लाख अतिरिक्त दीप जलाएंगी। इस तरह कुल मिलाकर काशी में एक करोड़ से अधिक दीपों की रोशनी फैलेगी, जिससे पूरा शहर दिव्य आभा से जगमगा उठेगा।
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होटलों और होम स्टे में रिकॉर्ड बुकिंग

टूरिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल मेहता के अनुसार, इस बार कुंभ के कारण शहर में होटलों और होम स्टे की संख्या 5 हजार से अधिक हो चुकी है, जबकि पिछली बार यह संख्या लगभग 3,500 थी। देव दीपावली के दिन की 90 प्रतिशत बुकिंग पूरी हो चुकी है, जबकि बाकी कमरे सेम डेट पर ऑन-होल्ड रखे गए हैं। बढ़ती बुकिंग यह संकेत दे रही है कि इस बार करीब 5 लाख से अधिक पर्यटक काशी पहुंचेंगे।
पर्यटन उद्योग के विशेषज्ञों का अनुमान है कि एक पर्यटक औसतन 5000 रुपये खर्च करता है। इस हिसाब से देव दीपावली के दिन बनारस की अर्थव्यवस्था में 250 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होगा। होटल, नाव, ट्रेवल, लोकल खरीदारी और फूड इंडस्ट्री में इस आयोजन से स्थानीय व्यापार को भारी लाभ मिलने वाला है।
नावों और क्रूज की बुकिंग ने तोड़े रिकॉर्ड

देव दीपावली (Dev Deepawali) पर घाटों का नजारा देखने के लिए सबसे अधिक मांग नावों की होती है। इस बार छोटे इंजन वाली नावों की बुकिंग 30 हजार रुपये तक पहुंच चुकी है। वहीं अलकनंदा क्रूज के संचालक जयंत मालवीय ने बताया कि उनकी कंपनी के दो क्रूज और दो रो-रो बोट्स में कुल 500 से अधिक पर्यटक घाटों की दीप्ति का आनंद लेंगे। फ्लेक्सी किराए के तहत इस बार प्रति व्यक्ति किराया 15 हजार रुपये तक पहुंच गया है।
लेजर शो और फायर क्रेकर शो बनेगा आकर्षण का केंद्र
चेतगंज घाट पर भगवान शिव पर आधारित लेजर शो और काशी विश्वनाथ मंदिर के सामने रेत पर होने वाला फायर क्रेकर शो पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण होंगे। आधे घंटे तक चलने वाले इस भव्य आतिशबाजी कार्यक्रम को देखने के लिए लोगों में खासा उत्साह है। देव दीपावली (Dev Deepawali) की यह शाम न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगी, बल्कि पर्यटन और सांस्कृतिक दृष्टि से भी काशी के स्वर्णिम अध्याय में एक और नई रोशनी जोड़ देगी।
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