Devshayani Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व भी होता है। लेकिन एकादशी व्रत विशेष मानी जाती है जो कि हर माह में दो बार पड़ती है। पंचांग के अनुसार अभी आषाढ़ का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली एकादशी को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है जो कि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है।
इस दिन भक्त प्रभु की विधिवत पूजा करते हैं और दिनभर उपवास भी रखते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान की कृपा बरसती है। देवशयनी एकादशी को बेहद ही खास माना जाता है क्योंकि इसी दिन से ही चातुर्मास का आरंभ भी हो जाता है। इस बार देवशयनी एकादशी का व्रत 6 जुलाई दिन रविवार यानी कल किया जाएगा, तो हम आपको पूजा की संपूर्ण विधि बता रहे हैं।
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एकादशी पर कैसे करें पूजा?

देवशयनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद व्रत पूजा का संकल्प करें। अब दिनभर व्रत के नियमों का पालन करें यानी झूठ बोलने से बचें, किसी पर क्रोध न करें। भोजन भी नहीं करना चाहिए। अगर भोजन की जरूरत हो, तो आप दूध या फलाहार ग्रहण कर सकते हैं।
अब पूजा की पूरी तैयार करें। इसके बाद भगवान को कुमकुम से तिलक करें, पुष्पों की माला अर्पित करें और घी का दीपक भी जलाएं। इसके बाद भगवान विष्णु को अबीर, गुलाल, चावल, पुष्प, रोली आदि चीजें एक एक करके भगवान पर अर्पित करें।
पूजा करते वक्त ऊं नमो भगवते वासुदेवाय इस मंत्र का जाप करें। भगवान को भोग लगाएं और आरती भी करें। एकादशी के दिन व्रत कथा जरूर पढ़ें। अगर संभव हो तो मंत्र जाप करें।
रात को सोए नहीं, बल्कि भजन कीर्तन करें। इसके बाद 7 जुलाई दिन सोमवार को व्रत का पारणा करें। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान देकर खुद भोजन करें। मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है।प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

