देशभर में Dhanteras की धूम…जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और खरीदारी के लाभ..

Aanchal Singh
देशभर में Dhanteras की धूम

Dhanteras 2024: आज मंगलवार को पूरे भारत में धनतेरस (Dhanteras) का पावन पर्व मनाया जा रहा है. कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाने की परंपरा है. इस दिन माता लक्ष्मी, देव कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है. धनतेरस को “धनत्रयोदशी” और “धन्वंतरि जयंती” के नाम से भी जाना जाता है. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के दौरान अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है.

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नई वस्तुएं खरीदने की परंपरा

नई वस्तुएं खरीदने की परंपरा

बताते चले कि, धनतेरस (Dhanteras) के दिन भगवान धन्वंतरि, जो चिकित्सा विज्ञान के प्रवर्तक माने जाते हैं, की पूजा अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए भी की जाती है. इस दिन नई वस्तुएं खरीदने की परंपरा का भी विशेष महत्व है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन खरीदी गई वस्तुएं 13 गुना धन-समृद्धि में वृद्धि करती हैं. तो आइए जानते हैं इस वर्ष के धनतेरस पूजा और खरीदारी के शुभ मुहूर्त के बारे में.

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त 2024

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त 2024

आपको बता दे कि, इस वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 29 अक्टूबर 2024 को सुबह 10:31 बजे होगा और इसका समापन 30 अक्टूबर 2024 को दोपहर 1:15 बजे पर होगा. प्रदोष काल, जो पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है, 29 अक्टूबर को शाम 5:38 बजे से रात 8:13 बजे तक रहेगा. इसी प्रकार वृषभ काल का समय शाम 6:31 बजे से रात 8:27 बजे तक रहेगा. इस प्रकार धनतेरस पूजा का शुभ समय 29 अक्टूबर को शाम 6:31 बजे से रात 8:13 बजे तक रहेगा. इस दौरान पूजा-अर्चना करना अत्यंत शुभ फलदायक माना गया है.

धनतेरस पर खरीदारी के शुभ मुहूर्त

धनतेरस पर खरीदारी के शुभ मुहूर्त

धनतेरस (Dhanteras) के दिन की जाने वाली खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे से आरंभ होकर 30 अक्टूबर की सुबह 6:32 बजे तक रहेगा. इस मुहूर्त के दौरान सोना-चांदी, वाहन और अन्य वस्त्रादि की खरीदारी करने से विशेष लाभ होता है. इसके अलावा, खरीदारी के तीन मुख्य मुहूर्त भी माने गए हैं:

प्रथम मुहूर्त – 29 अक्टूबर को सुबह 6:31 बजे से 30 अक्टूबर की सुबह 10:31 बजे तक.

अभिजीत मुहूर्त – 29 अक्टूबर को सुबह 11:42 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक

तीसरा मुहूर्त – 29 अक्टूबर को शाम 6:36 बजे से रात 8:32 बजे तक.

धनतेरस की खरीदारी और विशेष परंपराएं

धनतेरस की खरीदारी और विशेष परंपराएं

धार्मिक मान्यता के अनुसार, धनतेरस (Dhanteras) पर खरीदी गई वस्तुएं परिवार में सुख-समृद्धि और खुशहाली लाती हैं. इस दिन घर में किसी भी नई वस्तु का आगमन साल भर की खुशियों का संकेत माना जाता है. चाहे वह सोने-चांदी का सिक्का हो, बर्तन हो या कोई अन्य वस्त्र, इसे दिवाली के दिन माता लक्ष्मी के सामने रखकर पूजा करनी चाहिए. पूजा के बाद ही इस वस्तु का उपयोग करना अत्यंत शुभ माना गया है।धनतेरस का पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि घर में नए उल्लास और शुभता का भी संदेश लेकर आता है.

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