Dharmendra Yadav: सोमवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुआ आतंकी हमला खुफिया एजेंसियों की विफलता का परिणाम था और यह देश के लिए शर्म की बात है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप युद्धविराम की घोषणा करने का दावा कर रहे हैं। उनके इस बयान के बाद सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस छिड़ गई।
संसद में गरमाया माहौल, सत्ता पक्ष ने किया विरोध
धर्मेंद्र यादव की टिप्पणियों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आपत्ति जताई और सदन के सभापति से अनुरोध किया कि उनके बयान को कार्यवाही से हटाया जाए। सीतारमण ने कहा कि जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर पहले ही भारत का आधिकारिक रुख स्पष्ट कर चुके हैं, तब सपा सांसद द्वारा भ्रामक जानकारी देना गलत है। इसके बाद पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने यादव के कुछ हिस्सों को रिकॉर्ड से हटाने का आदेश दिया, जिसके बाद विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।
डोनाल्ड ट्रंप के युद्धविराम दावे पर जताई नाराजगी
सपा सांसद ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को भी आड़े हाथों लिया जिसमें उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम करवाने की बात कही थी। धर्मेंद्र यादव ने कहा कि यह दावा भारतीय सेना और जनता का अपमान है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह लड़ाई भारत की सशस्त्र सेनाओं ने लड़ी और जीती है, न कि किसी विदेशी ताकत की मध्यस्थता से कोई समाधान निकला। अपने संबोधन में यादव ने पूर्व रक्षा मंत्री मुलाम सिंह यादव का हवाला देते हुए कहा कि जब – जब सेना ने जंग लड़ी है देश कभी नहीं हारा । उन्होंने कहा “ जब देश को बातचीत करनी पड़ी , तब हमने हार महसूस की।
सरकार ट्रंप के बयान पर क्यों है चुप?
धर्मेंद्र यादव ने सवाल उठाया कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद सीजफायर का ऐलान किया होता, तो विपक्ष को कोई आपत्ति नहीं होती। उन्होंने कहा, “ट्रंप ने अब तक 26 बार सीजफायर की बात की है, लेकिन सरकार ने कभी इस पर सार्वजनिक रूप से विरोध नहीं जताया। यह चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण है।” उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों की एकता और सेना के साहस से यह लड़ाई जीती गई है, न कि किसी अमेरिकी मध्यस्थता से।