India Pakistan Ceasefire: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम को लेकर बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे सैन्य तनाव को उन्होंने अपनी सक्रिय दखलअंदाजी से रोका, जिससे एक बड़ा युद्ध टल गया। ट्रंप के मुताबिक, इस हस्तक्षेप से लाखों लोगों की जान बची और उन्हें इसका श्रेय पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारी ने भी दिया।
PAK आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने क्या कहा?

ट्रंप ने बताया कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर उनसे मिलने अमेरिका आए थे। मुलाकात के दौरान, मुनीर ने उनकी ओर इशारा करते हुए कहा, “इस शख्स ने लाखों जिंदगियां बचाई हैं क्योंकि इन्होंने युद्ध को रोक दिया।”
ट्रंप ने इसे एक “बेहद खूबसूरत कदम” बताया और कहा कि उन्होंने एक बड़े संघर्ष को थमने में मदद की। ट्रंप ने यह भी बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच यह तनाव चार दिनों तक चला, जिसमें कथित तौर पर सात लड़ाकू विमान मार गिराए गए।
“युद्ध हुआ तो व्यापार बंद”
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि जब भारत और पाकिस्तान आमने-सामने थे, तो उन्होंने दोनों देशों के नेताओं को फोन कर कड़ा संदेश दिया, “अगर युद्ध हुआ तो अमेरिका आपसे व्यापार बंद कर देगा। आप दोनों परमाणु शक्ति वाले देश हैं, ये बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।” ट्रंप का दावा है कि इसी हस्तक्षेप से युद्ध रुका।
कोई बाहरी हस्तक्षेप नहीं हुआ
भारत सरकार ने ट्रंप के इस दावे को स्पष्ट रूप से खारिज किया है। भारत का कहना है कि मई 2025 में हुए सीजफायर समझौते के लिए कोई विदेशी मध्यस्थता नहीं हुई थी। यह समझौता दोनों देशों के डीजीएमओ (Directors General of Military Operations) के बीच सीधे संवाद से हुआ था।
पाकिस्तान का दावा
इस बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण देते हुए दावा किया कि पाकिस्तानी वायुसेना ने 7 भारतीय लड़ाकू विमानों को गिराया। उन्होंने कहा कि “हमारे फाल्कन्स ने उड़ान भरी और भारतीय जेट्स को कबाड़ बना दिया।” लेकिन बाद में आई सैटेलाइट इमेजरी ने पाकिस्तान के इस बयान को झूठा साबित किया। तस्वीरों से पता चला कि भारतीय हमलों ने पाकिस्तान के एयरबेस पर गंभीर नुकसान पहुंचाया, जबकि पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई असफल रही।
नोबेल पुरस्कार पर ट्रंप की नाराजगी
ट्रंप ने यह भी कहा कि भले ही उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार न मिले, लेकिन उनकी कोशिशों से जो बड़ा नुकसान टला, वह दुनिया के लिए अहम था। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि “शांति पुरस्कार उन्हें मिल सकता है जिन्होंने कुछ नहीं किया।” हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनकी प्राथमिकता देश का हित है, न कि व्यक्तिगत पहचान।
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