Rohith Vemula केस की क्लोजर रिपोर्ट में खुलासा,’सच सामने आने के डर से की थी आत्महत्या’

Mona Jha

Rohith Vemula Suicide Case Update : रोहित वेमुला की मौत का मामला एक बार फिर चर्चा का विषय बना हुआ है।दरअसल तेलंगाना के छात्र रोहित वेमुला की मौत के 8 साल बाद हैदराबाद पुलिस ने केस क्लोजर रिपोर्ट फाइल की है। जिसमें कहा गया है कि रोहित दलित नहीं था।आपको बता दें कि इस मामले में तेलंगाना पुलिस द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट पर रोहित की मां और भाई ने संदेह जताया है, साथ ही तेलंगाना पुलिस ने दावा किया है कि रोहित इस बात को जानता था कि वह दलित नहीं था। जाति की पहचान उजागर होने के डर से उसने आत्‍महत्‍या कर ली थी।

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पुलिस ने आरोपियों को दी‘क्लीन चिट’

वहीं पुलिस ने सबूतों की कमी का हवाला देते हुए इस मामले के आरोपियों को ‘क्लीन चिट’ दे दी। रोहित वेमुला के परिवार द्वारा व्यक्त किए गए संदेह का जिक्र करते हुए तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक रवि गुप्ता ने शुक्रवार देर रात एक बयान में कहा कि -“संबंधित अदालत में एक याचिका दायर की जाएगी और मजिस्ट्रेट से आगे की जांच की अनुमति देने का अनुरोध किया जाएगा। बता दें कि रोहित वेमुला ने साल 2016 में आत्महत्या कर ली थी। रिपोर्ट में कहा गया, ‘मृतक को खुद भी पता था कि वह अनुसूचित जाति का नहीं है और उसकी मां ने उसे एससी का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर दिया था।’

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पुलिस ने रिपोर्ट में कही ये बात…

बात करें इस रिपोर्ट की इस में कहा गया है कि इस बात के उजागर होने के परिणामस्वरूप वेमुला की शैक्षणिक उपाधि वापस ली जा सकती थी, इसका उन्हें भय था। साथ ही इस मामले के सामने आने के बाद उन्हें अभियोजन का सामना करना पड़ सकता है। इस मामले से जुड़े कई मुद्दे थे जो मृतक को परेशान कर रहे थे। इस कारण परेशान होकर रोहित वेमुला ने आत्महत्या कर ली। रिपोर्ट की मानें तो तमाम कोशिशों के बावजूद, यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला कि आरोपियों के कृत्यों ने मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाया था।

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