S.Jaishankar: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने आज बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की।इस अवसर पर दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर खुलकर चर्चा हुई।शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक के सिलसिले में चीन पहुंचे विदेश मंत्री डॉ.एस.जयशंकर ने बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की।इस अवसर पर दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर चर्चा हुई।
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एस.जयशंकर की चीन के उपराष्ट्रपति से मुलाकात

विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने वर्तमान में जटिल अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि,ऐसे समय में भारत और चीन जैसे पड़ोसी और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच खुले विचार-विमर्श और दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान बेहद आवश्यक है।
द्विपक्षीय संबंधों पर हुई बातचीत
बैठक की शुरुआत में विदेश मंत्री जयशंकर ने SCO की अध्यक्षता कर रहे चीन को भारत की ओर से समर्थन का भरोसा दिलाया और कहा,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पिछले वर्ष अक्टूबर में कज़ान में हुई मुलाक़ात के बाद से भारत-चीन संबंधों में लगातार सुधार देखने को मिला है। उन्होंने उम्मीद जताई है इस दौरे के दौरान उनकी बातचीत दोनों देशों के बीच संबंधों के सकारात्मक रुख को और आगे बढ़ाएगी।
कैलाश मानसरोवर यात्रा का भी किया जिक्र
विदेश मंत्री जयशंकर ने कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली का भी उल्लेख किया और कहा कि,यह कदम भारत में व्यापक रूप से सराहा गया है।इस वर्ष भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे हुए हो रहे हैं।इसकी जानकारी विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए कहा कि,आज बीजिंग पहुँचने के तुरंत बाद उपराष्ट्रपति हान झेंग से मिलकर मुझे खुशी हुई।उन्होंने आगे कहा कि,चीन की एससीओ अध्यक्षता के लिए भारत का समर्थन व्यक्त किया। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में सुधार पर ध्यान दिया।
6 सालों के बाद शुरु हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा
आपको बता दें कि,कैलाश मानसरोवर यात्रा एक बार फिर से 6 सालों के बाद शुरु हुई है।यह यात्रा साल 1981 से लगातार जारी रही लेकिन कोरोना महामारी फिर इसके बाद गलवान घाटी में भारत-चीन सेना के बीच हुए संघर्ष और 2020 से लेकर 2024 तक भारत-चीन के एलएसी पर तनाव के कारण कैलाश मानसरोवर यात्रा को रोक दिया गया था।हालांकि अब एक बार फिर से दोनों देशों के बीच संबंध पटरी पर आते दिखाई दे रहे हैं जिसके बाद से यह यात्रा इस साल फिर से शुरु हुई।
जून से अगस्त के बीच यात्रा करेंगे यात्री
जून से अगस्त के बीच करीब 750 श्रद्धालु तिब्बत में कैलाश मानसरोवर की यात्रा करेंगे।कैलाश मानसरोवर यात्रा हिंदुओं के साथ ही बौद्ध और जैन समुदाय के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है इस यात्रा को लेकर लोगों में काफी ज्यादा आस्था देखी जाती है।
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