Diwali 2025: दिवाली का पर्व हर किसी के जीवन में रोशनी, उत्साह और खुशियां भर देता है। इस दिन हर घर में दीये जलाए जाते हैं, मिठाइयां बांटी जाती हैं और लोग अपने परिवार के साथ जश्न मनाते हैं। लेकिन इस त्यौहार में सबसे बड़ी परेशानी होती है वायु प्रदूषण। ये हर साल की बात है कि दिवाली के हवा में पोल्यूशन फैल जाता है, जिससे की सांस लेने में काफी समस्या होती है। आइए जानते हैं इससे ऐसा क्यों होता है और किन बीमारियों का खतरा इस समय बढ़ जाता है।
दिवाली के बाद समस्या….
आपको बता दें कि, दिवाली के बाद हवा में धूल, धुआं की मात्रा ज्यादा होती है। इसकी मुख्य वजह पटाखों का अत्यधिक इस्तेमाल है। बता दें कि, पटाखों से निकलने वाले PM2.5 और PM10 जैसे छोटे जहरीले पदार्थ सीधे हमारी सांस के साथ फेफड़ों में पहुंच जाते हैं।
इसके अलावा, दीवाली के समय बाजारों में भारी भीड़ और गाड़ियों की बढ़ती आवाजाही से निकलने वाला धुआं प्रदूषण को और बढ़ा देता है। कई जगह लोग सफाई के बाद कचरा जलाते हैं, जिससे जहरीली गैसें वातावरण में फैलती हैं। इन सब कारणों से दीवाली के बाद वायु गुणवत्ता (AQI) तेजी से गिरती है, और हवा सांस लेने योग्य नहीं रह जाती।
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किन बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा?
दीवाली के बाद बढ़ता प्रदूषण न सिर्फ सांस लेने में दिक्कत पैदा करता है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों को भी जन्म देता है।
अस्थमा और सांस से जुड़ी बीमारियां
धुएं और जहरीले कणों की वजह से अस्थमा के मरीजों की स्थिति खराब हो जाती है। कई बार मरीजों को अस्थमा अटैक तक आ सकता है, जिसके लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है।
गले में खराश और लगातार खांसी
प्रदूषित हवा सबसे पहले हमारे नाक और गले पर असर डालती है। इससे खांसी, जलन और खराश जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं।
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सीओपीडी (COPD) के मरीजों के लिए खतरा
जिन लोगों को पहले से क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) है, उनके लिए दीवाली का धुआं बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। इससे सांस फूलना और सीने में जकड़न जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
कोविड-19 से उबरे मरीज
जिन लोगों के फेफड़े कोविड संक्रमण के दौरान प्रभावित हुए थे, उनके लिए यह प्रदूषण और भी हानिकारक है। यह फेफड़ों की क्षति को और बढ़ा सकता है।
दिल से जुड़ी दिक्कतें
खराब हवा ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट को प्रभावित करती है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
बीमारियों से बचाव के आसान उपाय…
- मास्क पहनें – बाहर निकलते समय N95 या अच्छे गुणवत्ता वाला मास्क लगाएं।
- घर में रहें – जब हवा की गुणवत्ता बहुत खराब हो (AQI 150 से ऊपर), तो बाहर निकलने से बचें।

