Delhi Blast:’डॉक्टर मॉड्यूल’ का पर्दाफाश, 6 दिसंबर को हमले की तैयारी में था आतंकी उमर

दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार विस्फोट को सरकार ने आतंकी हमला बताया है। जांच में सामने आया कि डॉ. उमर नबी ने 6 दिसंबर को हमले की साजिश रची थी और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों से संपर्क कर विस्फोटक जुटाए थे।

Nivedita Kasaudhan
Delhi Blast
'डॉक्टर मॉड्यूल' का पर्दाफाश

Delhi Blast: सरकार ने लाल किले के पास हुए कार विस्फोट को ‘आतंकवादी घटना’ घोषित किया है। जांच में खुलासा हुआ है कि विस्फोटकों से भरी कार चला रहा मुख्य संदिग्ध, डॉ. उमर नबी, 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के मौके पर एक बड़े हमले की योजना बना रहा था। इस विस्फोट में 12 लोग मारे गए और कई घायल हुए थे।

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तुर्की यात्रा और जैश-ए-मोहम्मद से संपर्क

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‘डॉक्टर मॉड्यूल’ का पर्दाफाश

विस्फोट की जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया कि उमर नबी और एक अन्य प्रमुख संदिग्ध, डॉ. मुजम्मिल गनई, ने 2021 में तुर्की की अपनी यात्रा के दौरान प्रतिबंधित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के सक्रिय कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी।

पीटीआई भाषा के हवाले से अधिकारियों ने बताया कि उमर नबी ने 6 दिसंबर के आसपास एक शक्तिशाली विस्फोट को अंजाम देने की योजना बनाई थी। गिरफ्तार किए गए आठ लोगों से पूछताछ और उनके परिवार, दोस्तों व पड़ोसियों से बातचीत के बाद उसकी योजना का विस्तृत ब्योरा सामने आया है।

गिरफ्तारी से योजना हुई नाकाम

फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले मुजम्मिल अहमद गनी उर्फ मुसैब की गिरफ्तारी ने उमर की इस विनाशकारी योजना को नाकाम कर दिया। अधिकारियों का दावा है कि गनी के साथ 2021 की तुर्की यात्रा ने उमर के भीतर एक नाटकीय बदलाव और कट्टरता पैदा की थी।

यात्रा के बाद, उमर ने कथित तौर पर गनी के साथ मिलकर अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर सहित विस्फोटक सामग्री इकट्ठा करना शुरू कर दिया। ये विस्फोटक अल फलाह परिसर में और उसके आसपास जमा किए गए थे।

उमर इंटरनेट पर उपलब्ध स्रोतों से वाहन-आधारित इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) के निर्माण और विस्फोट सर्किट के बारे में जानकारी लेकर उसे असेंबल कर रहा था। कार में विस्फोट से पहले, उमर ने चारदीवारी वाली एक मस्जिद में शरण ली थी, जहाँ वह शाम तक तीन घंटे रुका था।

‘डॉक्टर मॉड्यूल’ को पूरे भारत में फैलाने का निर्देश

जांच से पता चला है कि ‘डॉक्टर मॉड्यूल’ के हैंडलर उमर और अन्य सदस्यों के संपर्क में थे। उमर और मुजम्मिल के पासपोर्ट बताते हैं कि उन्होंने 2021 में कुछ टेलीग्राम समूहों में शामिल होने के तुरंत बाद तुर्की की यात्रा की थी। एक हैंडलर ने ‘डॉक्टर मॉड्यूल’ को तुर्की यात्रा के बाद चुने गए लक्षित स्थानों के साथ पूरे भारत में फैलने का निर्देश दिया था।

जांचकर्ताओं ने पाया कि दो टेलीग्राम समूहों के माध्यम से इस ‘डॉक्टर मॉड्यूल’ को कट्टरपंथी बनाया गया था। इन समूहों में पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के उमर बिन खत्ताब द्वारा संचालित एक समूह भी शामिल है।

फोरेंसिक जांच जारी

धमाके वाली क्षतिग्रस्त कार के सभी हिस्सों को मंगलवार देर रात जांच के लिए रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) ले जाया गया। FSL, CBI और NIA की फोरेंसिक टीमें कार से नमूने उठाकर जांच कर रही हैं।

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