Donald Trump news:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ अपने रिश्तों को लेकर एक बड़ा और चौंकाने वाला कदम उठाया है। उन्होंने 6 लाख चीनी छात्रों को अमेरिका में पढ़ाई की अनुमति देने का ऐलान किया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कुछ ही महीने पहले ट्रंप प्रशासन ने चीन के खिलाफ कड़े आर्थिक कदम उठाए थे, जिनमें टैरिफ वॉर और वीजा रद्द करना शामिल था।
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अचानक बदला रुख
साल 2025 की शुरुआत में अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनातनी चरम पर थी। ट्रंप ने चीन से आने वाले सामानों पर भारी टैरिफ लगा दिए थे, जो बढ़कर 145% तक पहुंच गए। इसके जवाब में चीन ने भी 125% टैरिफ की घोषणा कर दी थी। यह व्यापारिक युद्ध दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया था।मई 2025 में ट्रंप प्रशासन ने चीन के कई नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए थे, खासकर उन लोगों के जो कम्युनिस्ट पार्टी या रिसर्च से जुड़े थे। उस समय यह माना जा रहा था कि अमेरिका चीन को वैश्विक मंच पर कमजोर करने की रणनीति अपना रहा है। लेकिन जून में ट्रंप ने एक नरम बयान देकर संकेत दिए थे कि वह चाहते हैं कि चीनी छात्र अमेरिका आएं।
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शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा फैसला
26 अगस्त 2025 को डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा, “मैंने कई कहानियां सुनी हैं कि हम चीनी छात्रों को आने नहीं दे रहे हैं। लेकिन हम उन्हें आने की अनुमति दे रहे हैं। यह बेहद जरूरी है कि 6 लाख छात्रों को अमेरिका में पढ़ाई करने की इजाजत दी जाए।”इस वक्त करीब 2.7 लाख चीनी छात्र पहले से ही अमेरिकी कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई कर रहे हैं। ट्रंप का यह फैसला न केवल इन आंकड़ों को दोगुना कर सकता है, बल्कि अमेरिका-चीन के रिश्तों में भी नया अध्याय जोड़ सकता है।
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व्यापारिक रिश्तों में सुधार
ट्रंप ने यह भी कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें बीजिंग आमंत्रित किया है। ट्रंप ने यह संकेत दिया कि दोनों देशों के रिश्ते फिर से मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारे रिश्ते बेहद महत्वपूर्ण हैं। टैरिफ और अन्य चीजों के जरिए काफी पैसा चीन से अमेरिका आता है। हम इन रिश्तों को अच्छे बनाए रखना चाहते हैं।”उन्होंने यह भी दावा किया कि चीन के साथ उनके शासन में जितने अच्छे आर्थिक रिश्ते हैं, उतने अच्छे जो बाइडेन के शासन में नहीं थे।

