Donald Trump Tarrif : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से टैरिफ (शुल्क) नीति को लेकर चिंता जताई है। ट्रंप का कहना है कि यदि अमेरिका सुप्रीम कोर्ट में टैरिफ से जुड़े मामले में हार जाता है, तो उन्हें अन्य देशों के साथ किए गए व्यापार समझौतों को रद्द करना पड़ सकता है। इससे अमेरिका को गंभीर आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी अपील अदालत के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें ट्रंप द्वारा लगाए गए कई टैरिफ को “अवैध” बताया गया था। अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और इस पर जल्द ही सुनवाई होने वाली है।
व्यापारिक साझेदारों के साथ हुए समझौतों पर मंडराया संकट
डोनाल्ड ट्रंप ने एक रेडियो शो में कहा, “हमने यूरोपीय संघ, जापान, और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के साथ व्यापारिक समझौते किए हैं, जो पारस्परिक टैरिफ पर आधारित हैं। अगर कोर्ट में हार होती है, तो ये सभी समझौते अमान्य हो सकते हैं।”उन्होंने आगे कहा कि यूरोपीय यूनियन के साथ जो डील की गई है, उसके अंतर्गत अमेरिका को एक ट्रिलियन डॉलर का भुगतान मिलना तय है। लेकिन कोर्ट का नकारात्मक फैसला इन सौदों को खतरे में डाल सकता है।
Read more :Bihar Bandh:बिहार बंद का दिखा असर… PM की मां के अपमान के विरोध में NDA की महिलाएं उतरीं सड़क पर
‘फिर से गरीब हो सकता है अमेरिका’
ट्रंप ने आगाह किया कि यदि यह मुकदमा उनके पक्ष में नहीं गया, तो इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। उनके अनुसार, “हमारे पास फिर से एक समृद्ध देश बनने का मौका है, लेकिन अगर यह केस हार गए, तो अमेरिका को बहुत भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।”उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा, तो अमेरिका को अपने टैरिफ वापस लेने पड़ेंगे और व्यापार समझौतों को रद्द करना होगा।
Read more :Bihar Bandh:बिहार बंद का दिखा असर… PM की मां के अपमान के विरोध में NDA की महिलाएं उतरीं सड़क पर
विशेषज्ञों की राय
टैरिफ को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि अधिकांश शुल्कों का बोझ अमेरिकी आयातकों पर पड़ता है, न कि विदेशी कंपनियों पर। ऐसे में टैरिफ की वापसी से अमेरिकी उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन ट्रंप इसे एक बड़ी रणनीतिक हार के रूप में देख रहे हैं।
Read more :Punjab News:क्या अमृतपाल सिंह की होगी जेल से रिहाई? मां ने की भावुक अपील
न्यायपालिका बनाम कार्यपालिका
यह मामला सिर्फ व्यापार नीति का नहीं, बल्कि कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच अधिकारों की खींचतान का भी प्रतीक बनता जा रहा है। ट्रंप प्रशासन इसे अपनी आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति से जोड़कर देख रहा है, जबकि अदालतें इसकी वैधता को जांच रही हैं।
