Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर एक बार फिर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि युद्ध खत्म करने की अब 50 दिन की नहीं, बल्कि केवल 10-12 दिन की समयसीमा दी जा रही है। स्कॉटलैंड दौरे पर पहुँचे ट्रंप ने सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर रूस तय समयसीमा में यूक्रेन के साथ शांति वार्ता नहीं करता, तो अमेरिका मास्को पर बेहद कड़े प्रतिबंध लगाएगा।
ट्रंप ने जताई नाराजगी, कहा अब कड़े कदम का समय
ट्रंप ने अपनी बात रखते हुए कहा, “मैं व्लादिमीर पुतिन से बेहद निराश हूँ। अब समय सीमा साफ है—10 से 12 दिन में शांति वार्ता करें, नहीं तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें।” ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका इस मुद्दे पर अब और देर नहीं करेगा और रूस की अनदेखी पर जवाबी कार्रवाई सुनिश्चित है। ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब यूक्रेन पर रूसी हमले लगातार तेज हो रहे हैं।
ज़ेलेंस्की ने जताया समर्थन, बोले- ‘ट्रंप के रुख से उम्मीदें जगीं’
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने ट्रंप के रुख का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह साफ संदेश है कि युद्ध समाप्त करने की जिम्मेदारी अब रूस की है। ज़ेलेंस्की ने कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्पष्ट और निर्णायक रुख अपनाया है। हम उनके प्रयासों की सराहना करते हैं, जो लोगों की जान बचाने और युद्ध को रोकने की दिशा में किए जा रहे हैं।”
रूस की अब तक चुप्पी
हालाँकि रूस की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी तक सामने नहीं आई है, लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी और पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने ट्रंप की चेतावनी को खारिज करते हुए कहा कि “ट्रंप एक खतरनाक खेल खेल रहे हैं, जिसके परिणाम भयावह हो सकते हैं।” उन्होंने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में लिखा कि ऐसी चेतावनियाँ युद्ध को और भड़का सकती हैं।
पहले भी दी थी 50 दिन की चेतावनी
ट्रंप इससे पहले भी रूस को 50 दिनों की समयसीमा दे चुके हैं, जिसमें उन्होंने स्पष्ट कहा था कि युद्ध न थमने की स्थिति में रूस पर ऊँचे टैरिफ लगाए जाएंगे। लेकिन मास्को की ओर से तब कोई जवाब नहीं आया। अब ट्रंप ने समयसीमा घटाकर 10-12 दिन कर दी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका इस मामले में अब निर्णायक रुख अपनाने को तैयार है। डोनाल्ड ट्रंप के इस नए अल्टीमेटम ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर एक बार फिर वैश्विक चर्चा को तेज कर दिया है। अब देखना होगा कि पुतिन इस चेतावनी को किस तरह लेते हैं और क्या रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता की कोई नई पहल शुरू होती है या नहीं।
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