Trump NATO Warning: डोनाल्ड ट्रंप का NATO को दो टूक संदेश, “रूस से तेल की खरीद बंद करें, नहीं तो लगेंगे कड़े प्रतिबंध”

Chandan Das
Trump NATO

Trump NATO Warning: रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाते हुए NATO देशों को खुला पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने रूस से तेल की खरीद को लेकर नाराजगी जाहिर की है और सभी NATO देशों से रूसी तेल की खरीद पर तत्काल रोक लगाने की अपील की है। ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि अगर रूस से तेल की खरीद नहीं रुकी, तो कड़े प्रतिबंध लगाने को तैयार हूं।

“बताइए कब?” – ट्रंप का सीधा प्रस्ताव

ट्रंप ने अपने पत्र में लिखा: “मैं रूस पर बड़े प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हूं, लेकिन तब जब सभी NATO देश एकजुट होकर तेल की खरीद पूरी तरह से बंद करें। यह युद्ध बाइडेन और ज़ेलेंस्की का है, मेरा नहीं। अगर मैं राष्ट्रपति होता, तो यह युद्ध कभी शुरू ही नहीं होता।” ट्रंप ने आगे लिखा कि नाटो के सदस्य देशों की WIN (Western Industrial Nations) के प्रति प्रतिबद्धता 100% से भी कम रही है और कुछ देशों द्वारा रूसी तेल की खरीद ‘चौंकाने वाली’ है। इससे रूस पर उनकी बातचीत की स्थिति और सौदेबाजी की ताकत कमजोर हो जाती है।

चीन पर भी ट्रंप का नया प्रस्ताव

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पत्र में चीन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नाटो को एकजुट होकर चीन पर 50% से 100% टैरिफ लगाना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ये टैरिफ अस्थायी होंगे और रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त होते ही वापस ले लिए जाएंगे। ट्रंप के अनुसार, यह कदम “इस घातक लेकिन हास्यास्पद युद्ध” को समाप्त करने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है और रूस-चीन की गठजोड़ को तोड़ सकता है।

“मैं सिर्फ जानें बचाना चाहता हूं” – ट्रंप

अपने पत्र में ट्रंप ने भावनात्मक अपील भी की। उन्होंने लिखा: “मैं बस चाहता हूं कि युद्ध खत्म हो और हजारों रूसी और यूक्रेनी नागरिकों की जान बचाई जा सके। अगर नाटो मेरी बात मान लेता है, तो यह युद्ध जल्द खत्म हो सकता है।” ट्रंप ने चेतावनी भी दी कि यदि NATO देश उनकी पहल को नजरअंदाज करते हैं, तो वे “अमेरिका का समय, पैसा और ऊर्जा बर्बाद कर रहे हैं।”

अमेरिका और नाटो की भूमिका

रूस और यूक्रेन के बीच 2022 से जारी युद्ध में अमेरिका लगातार यूक्रेन का समर्थन करता रहा है। ट्रंप कई बार बाइडेन प्रशासन की रूस नीति की आलोचना कर चुके हैं। यह पहली बार है जब ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से NATO पर रूस से तेल खरीद को लेकर सीधा दबाव बनाया है।

डोनाल्ड ट्रंप का यह पत्र न केवल उनकी आक्रामक विदेश नीति को दर्शाता है, बल्कि रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधान को लेकर उनकी अलग दृष्टिकोण को भी सामने लाता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि NATO सदस्य देश ट्रंप की इस चेतावनी और प्रस्ताव पर क्या रुख अपनाते हैं।

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