Utpanna Ekadashi 2025: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है। लेकिन एकादशी व्रत को बेहद ही खास माना गया है, जो कि हर माह में दो बार पड़ता है। ऐसे साल में कुल 24 एकादशी व्रत किए जाते हैं, जो कि भगवान विष्णु की साधना आराधना को समर्पित है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और कष्टों का निवारण हो जाता है।
पंचांग के अनुसार अभी मार्गशीर्ष माह चल रहा है और इस माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रत करने से सभी पापों का नाश हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार उत्पन्ना एकादशी का व्रत 15 नवंबर को किया जाएगा। इस दिन पूजा पाठ के साथ कुछ ऐसी गलतियां हैं, जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए वरना कष्टों का सामना करना पड़ सकता है, तो हम आपको इन्हीं के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
Aaj Ka Rashifal: मेष समेत इन 3 राशियों को नई डील से होगा मोटा फायदा, पढ़ें दैनिक राशिफल
एकादशी पर न करें ये गलतियां
चावल का सेवन

आपको बता दें कि एकादशी के दिन भूलकर भी चावल, जौ और दालों का सेवन गलती से भी नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन चावल खाने से पाप लगता है और कष्ट उठाना पड़ता है।
तामसिक भोजन
एकादशी के दिन गलती से भी लहसुन, प्याज, मांसाहार और किसी भी तरह के नशे का सेवन नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से जीवनभर कष्ट उठाना पड़ता है।
क्रोध और अपशब्द
इस दिन क्रोध, ईर्ष्या, निंदा का भाव नहीं रखना चाहिए। सभी के साथ पूरी तरह से सात्विक और शांत व्यवहार करें।
पेड़ पौधों को नुकसान
एकादशी के दिन भूलकर भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। पूजा के लिए एक दिन पहले ही तुलसी तोड़ना बेहतर होता है।
ब्रह्मचर्य का करें पालन
इस दिन पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए साथ ही साथ घर आए गरीब को खाली हाथ नहीं भेजना चाहिए। ऐसा करने से समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
दूसरों की बुराई न करें
इस दिन गलती से भी किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से व्रत के फल नष्ट हो जाते हैं और दुखों का सामना करना पड़ता है।
Margshrish Maas 2025: शुरू हुआ मार्गशीर्ष माह, जानें क्या करें क्या नहीं
Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।
