Sanjay Nishad Warning : यूपी के कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने भाजपा को स्पष्ट संदेश दिया है कि यदि छोटे सहयोगी दलों से फायदा नहीं हो रहा है तो वे गठबंधन तोड़ दें। उन्होंने कहा कि 2022 में राजभर और पटेल समाज सपा के साथ थे, तो सपा ने 40 से 125 सीटें बढ़ाईं, वहीं भाजपा के साथ होने पर योगी सरकार बनी। ऐसे में छुटभैये नेता निषाद समाज को गुमराह न करें। 2024 की हार के लिए ये नेता जिम्मेदार हैं।
भाजपा से सवाल- सहयोगी दलों पर भरोसा है या नहीं?
डॉ. संजय निषाद ने सोमवार 26 अगस्त को गोरखपुर में भाजपा से सवाल किया कि क्या उन्हें सहयोगी दल सुभासपा, अपना दल और आरएलडी पर भरोसा है? यदि नहीं, तो कड़ा फैसला लें। उन्होंने कहा कि ये दल समाज को सही दिशा दे रहे हैं, जिसका लाभ भाजपा को हो रहा है। उन्होंने 2018 की सपा-बसपा की ऐतिहासिक जीत का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय भी सहयोगी दलों की बड़ी भूमिका थी।
कैबिनेट मंत्री ने भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद जय प्रकाश निषाद पर हमला करते हुए कहा कि क्यों छुटभैया नेता से अपशब्द करवा रहे हैं?
राजभर और आरएलडी के नेताओं को भी निशाना बनाया। डॉ. संजय निषाद ने कहा कि निषाद समाज के वोट भी इन नेताओं के कारण भाजपा को मिलते हैं, फिर भी उनसे उल्टा-सीधा बयान क्यों कराया जाता है? उन्होंने टिकट वितरण प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए और भाजपा में अंदरूनी राजनीतिक पैंतरेबाजी का आरोप लगाया।
सहयोगी दलों की भूमिका को किया रेखांकित
डॉ. संजय निषाद ने कहा कि कोई भी पार्टी या नेता घमंड में न रहे। सहयोगी दल यूपी की जीत में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने आशीष पटेल और अन्य पिछड़ी जाति के नेताओं का सम्मान करने की बात कही। उन्होंने 2018 और 2022 के चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि पिछड़ी जातियों का समर्थन ही भाजपा की सफलता का आधार है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि 2024 की हार उन नेताओं की वजह से हुई है जो समाज को गुमराह करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को चाहिए कि वह ऐसे नेताओं को समझाए या गठबंधन तोड़ दे। डॉ. संजय ने बताया कि वे भाजपा को ये भी सुझाव देते हैं कि वे अपने सहयोगियों को मजबूत करें और साथ ही निषाद समाज की भावनाओं का सम्मान करें।
जय प्रकाश निषाद को लेकर विवादित बयान
डॉ. संजय निषाद ने जय प्रकाश निषाद को बसपा का पायरेटेड बताते हुए कहा कि अगर भाजपा उन्हें टिकट दे तो स्वागत है, नहीं तो कोई बात नहीं। उन्होंने कहा कि 2027 में भाजपा उन नेताओं को टिकट देगी या नहीं, यह सवाल अब भी अनसुलझा है। उन्होंने उन लोगों को भी टिकट दिलाने की बात कही जो निषाद समाज के लिए मेहनत करते हैं। उन्होंने बताया कि 2022 में कुछ नए लोगों को टिकट मिला, जिनसे पार्टी को फायदा हुआ। उन्होंने कहा कि भाजपा को अधिक से अधिक लोगों को चुनाव लड़ाना चाहिए। उन्होंने जय प्रकाश निषाद पर अप्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधते हुए कहा कि जो समाज को गुमराह करते हैं, उन्हें ऐसा करना बंद करना चाहिए।
डॉ. संजय निषाद के बयान ने यूपी की राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। छोटे दलों के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने भाजपा को साफ कहा कि या तो सहयोगी दलों का सम्मान करें या गठबंधन तोड़ दें। उन्होंने भाजपा में टिकट वितरण प्रक्रिया और पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं, साथ ही अपने समाज की आवाज को सशक्त बनाने का आह्वान किया है। आगामी समय में इस बयान का राजनीतिक प्रभाव कैसे होगा, यह देखना होगा।
