Dussehra 2025: सनातन धर्म में कई सारे पर्व आते हैं और सभी का अपना महत्व होता है, लेकिन दशहरा का त्योहार बेहद ही खास माना जाता है जो कि हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार प्रभु श्रीराम ने इस दिन लंका के राजा रावण का वध कर असत्य पर सत्य की जीत हासिल की थी। जिसके बाद से इसी दिन को दशहरा के तौर पर देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। परंपराओं के अनुसार दशहरे के दिन रावण, उसके भाई कुंभकर्ण और बेटे मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाता है। इसी समय पर दूर्गा पूजन का भी समापन जाता है। जिसमें शस्त्र पूजा करने की विशेष परंपरा है।
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कब है दशहरे का त्योहार?

दशहरे का शुभ मुहूर्त
इस साल दशहरे का शुभ मुहूर्त सुबह 4 बजकर 38 मिनट से लेकर 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दिन में 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। वहीं दशहरा पर विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 9 मिनट से दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक रहेगा।
शस्त्र पूजा का मुहूर्त
दशहरा के दिन शस्त्र पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 9 मिनट से लेकर 2 बजकर 56 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में शस्त्र पूजा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
रावण दहन का मुहूर्त
आपको बता दें कि दशहरा के पावन पर्व पर रावण दहन का आयोजन प्रदोष काल में करने का विधान है। शास्त्रों के अनुसार प्रदोष काल की शुरुआत सूर्यास्त के बाद होती है। इस बार सूर्यासत का समय शाम 6 बजकर 6 मिनट पर होगा। इसके बाद प्रदोष काल का आरंभ हो जाएगा और उसी समय से रावण दहन करना भी शुभ रहेगा।

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