Dussehra 2025: देशभर में धूमधाम से मनाए जा रहे दशहरे का रंग दिल्ली में भारी बारिश की वजह से फीका पड़ गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के इंद्रप्रस्थ एक्सटेंशन रामलीला मैदान में होने वाले अपने दशहरा उत्सव कार्यक्रम को तेज बारिश के कारण स्थगित कर दिया। गृहमंत्री अमित शाह का भी केशव रामलीला पीतमपुरा में आने का कार्यक्रम बारिश के चलते रद्द हो गया।
बारिश के कारण रावण दहन कार्यक्रम प्रभावित
दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में भारी बारिश की वजह से रावण दहन कार्यक्रम में काफी परेशानी आई। राजधानी दिल्ली, नोएडा, पटना और अन्य शहरों में बारिश के चलते रावण के पुतले गिर गए या आधे से टूट गए। इस दौरान रावण देखने के लिए आए कई लोग भीगने से मजबूर होकर वापस लौट गए।
इंद्रप्रस्थ स्थित रामलीला मैदान में भी बारिश की शुरुआत के साथ ही दशहरे का उत्सव थम सा गया। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम से पहले ही यहां जोरदार बारिश शुरू हो गई, जिससे रावण का पुतला भीग गया और आयोजकों को उसे पानी से बचाने के लिए कवरिंग करनी पड़ी। वहीं, लाल किले के निकट होने वाले रामलीला आयोजन में भी बारिश के कारण रावण का पुतला भीग गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया रावण वध
इसी बीच, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लाल किले पर श्री धार्मिक लीला समिति के आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। उन्होंने दशहरे के मौके पर प्रतीकात्मक रूप से तीर चलाकर रावण के पुतले का दहन किया। राष्ट्रपति ने कहा कि यह पर्व अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है।
राष्ट्रपति ने आतंकवाद पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का भी जिक्र करते हुए कहा, “जब आतंकवाद का दानव मानव पर हमला करता है, तो उसका वध करना जरूरी हो जाता है। ऑपरेशन आतंकवाद, रावण पर मानवता की विजय का प्रतीक है। इसके लिए हम भारत माता की रक्षा करने वाले वीर जवानों को नमन करते हैं।”
बारिश के बावजूद उत्सव की शोभा बनी रही
हालांकि बारिश के कारण कई आयोजनों में बाधा आई, लेकिन दशहरे के त्योहार का उत्साह कहीं कम नहीं हुआ। लोग रामलीला देखने पहुंचे और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया। बारिश के बावजूद भारतीय संस्कृति और त्योहारों की चमक बरकरार रही।दशहरे का पर्व इस साल भी मानवता, सत्य और धर्म की विजय का संदेश लेकर आया, जबकि मौसम ने इस उत्सव में एक चुनौती पेश की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के कार्यक्रम रद्द होने के बावजूद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा रावण दहन ने इस त्योहार की गरिमा को बनाए रखा। ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियान भी इस पर्व के मायने को और गहरा करते हैं, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं।
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