Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने बड़ा कदम उठाया है। वोटर लिस्ट में हेर-फेर और वोट चोरी के आरोपों को देखते हुए आयोग ने ई-साइन (E-Sign) फीचर लॉन्च कर दिया है। यह नया फीचर ECI-Net पोर्टल और ऐप पर उपलब्ध कराया गया है, जिससे फर्जी आवेदनों और वोटर आईडी के दुरुपयोग पर लगाम लगेगी।
वोट चोरी के आरोपों के बाद उठा कदम
बिहार में हाल ही में हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के बाद बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट से नाम हटाने और हेर-फेर के आरोप लगे थे। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक के आलंद विधानसभा और बिहार SIR के दौरान वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के मामले उठाए थे। उन्होंने यह दावा किया था कि हजारों वोटरों के नाम जानबूझकर हटाए गए हैं। इसी विवाद के बाद चुनाव आयोग ने वोटर वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को और मजबूत करने का फैसला किया।
क्या है ई-साइन फीचर?
ई-साइन फीचर के जरिए अब वोटर कार्ड के लिए आवेदन, नाम सुधार और नाम हटाने जैसी प्रक्रियाएं सीधे नहीं होंगी।अब आवेदक को फॉर्म 6 (नया वोटर रजिस्ट्रेशन), फॉर्म 7 (नाम हटाने के लिए) और फॉर्म 8 (सुधार के लिए) भरने से पहले ई-साइन वेरिफिकेशन करना होगा।इसके लिए आधार नंबर डालकर OTP जनरेट करना होगा, जो वोटर के आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर आएगा।OTP दर्ज करने के बाद ही वेरिफिकेशन पूरा होगा और आवेदक आगे की प्रक्रिया कर पाएगा।
कैसे रोकेगा फर्जीवाड़ा?
ई-साइन फीचर की सबसे बड़ी ताकत यह है कि यह वोटर की पहचान को आधार से लिंक करके वेरिफाई करेगा। इससे होगा कि:फर्जी या डुप्लीकेट आवेदन तुरंत रिजेक्ट हो जाएंगे।एक ही व्यक्ति के नाम से दोबारा पंजीकरण नहीं होगा।किसी भी वोटर का नाम बिना उसकी जानकारी और अनुमति के हटाया नहीं जा सकेगा।वोटर लिस्ट में वास्तविक और सत्यापित डेटा ही शामिल रहेगा।
बिहार चुनाव के लिहाज़ से अहम कदम
बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले यह तकनीक बेहद अहम मानी जा रही है। क्योंकि यहां पर वोटर लिस्ट को लेकर विवाद लंबे समय से चर्चा में रहा है। चुनाव आयोग का मानना है कि ई-साइन फीचर के आने से वोटरों का भरोसा बढ़ेगा और चुनाव प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी बनेगी। चुनाव आयोग द्वारा लॉन्च किया गया ई-साइन फीचर न केवल वोटर आईडी के गलत इस्तेमाल को रोकेगा, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और मजबूत करेगा। अब वोटर लिस्ट से नाम हटाना या गलत तरीके से नया नाम जोड़ना आसान नहीं होगा। यह कदम आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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