Afghanistan Earthquake: भूकंप से अफगानिस्तान में भीषण तबाही, 1400 से ज्यादा की मौत, तालिबान सरकार ने मांगी वैश्विक मदद

Chandan Das
Afghanistan

Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान में रविवार की रात भूकंप के तेज झटकों ने भारी तबाही मचा दी। 6.0 तीव्रता के इस भूकंप में अब तक 1400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 3250 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। भूकंप ने कई इलाकों में घरों को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया है। ग्रामीण इलाकों में बचाव कार्य अभी भी जारी है, और मृतकों की संख्या में और वृद्धि की आशंका जताई जा रही है।

तालिबान सरकार ने मांगी वैश्विक मदद

अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने इस प्राकृतिक आपदा के बाद दुनियाभर से मदद की अपील की है। तालिबान के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता शराफत जमान ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में कहा, “हमें तत्काल सहायता की जरूरत है। कई जानें चली गई हैं, सैकड़ों घर तबाह हो चुके हैं। हम पहले से ही विदेशी मदद के अभाव में गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, और यह तबाही हमारी परेशानियों को और बढ़ा रही है।” अफगानिस्तान की चिकित्सा सेवाएं सीमित हैं, और देश में संसाधनों की भारी कमी है। ऐसे में राहत और बचाव कार्यों के लिए बाहरी सहायता बेहद जरूरी हो गई है।

भारत ने दिखाई मानवता, भेजी राहत सामग्री

भारत ने अफगानिस्तान की मदद के लिए तुरंत कदम उठाया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि भारत ने काबुल को 1000 टेंट भेजे हैं। इसके अलावा, 15 टन खाद्य सामग्री भी काबुल से कुनार प्रांत में भेजी गई है, जो सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में से एक है।भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “भारत अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा है और हम आगे भी राहत सामग्री भेजते रहेंगे।”भारत की इस पहल को मानवीय दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है, खासकर तब जब देश में राजनीतिक अस्थिरता के चलते अन्य अंतरराष्ट्रीय सहायता सीमित हो चुकी है।

तालिबान शासन के बाद अंतरराष्ट्रीय सहायता पर रोक

2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद, अधिकांश अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और देशों ने अफगानिस्तान की मानवीय सहायता रोक दी थी। इससे देश की अर्थव्यवस्था और बुनियादी सेवाएं पहले से ही चरमराई हुई थीं। ऐसे हालात में यह भूकंप देश के लिए एक और बड़ा संकट बनकर सामने आया है। स्थानीय लोगों को भोजन, दवाइयों और आश्रय की तत्काल आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य एजेंसियां भी स्थिति का मूल्यांकन कर रही हैं, लेकिन प्रतिबंधों और सुरक्षा चिंताओं के कारण सहायता पहुंचाने में दिक्कतें सामने आ रही हैं।

अफगानिस्तान को तुरंत वैश्विक सहायता की जरूरत

भूकंप की इस त्रासदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अफगानिस्तान को फिलहाल राजनीति से ऊपर उठकर मानवीय आधार पर सहायता की आवश्यकता है। भारत ने जो मदद भेजी है, वह शुरुआत भर है, लेकिन इस संकट से उबरने के लिए विश्व समुदाय को एकजुट होकर सहयोग करना होगा।

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